छात्रवृत्ति घोटाले पर सत्तापक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक, CM जयराम ने दिया ये आश्वासन

Edited By Vijay, Updated: 15 Dec, 2018 08:49 PM

nozzle between power and opposition on scholarship scam in house

छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में 3 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और एफ.आई.आर. सहित अन्य दस्तावेज सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह आश्वासन शनिवार को सदन में दिया। नियम 62 के तहत किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी...

तपोवन (धर्मशाला) (सुरेन्द्र): छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में 3 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और एफ.आई.आर. सहित अन्य दस्तावेज सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह आश्वासन शनिवार को सदन में दिया। नियम 62 के तहत किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले पर निष्पक्ष जांच करवाएगी ताकि पूरे घोटाले का पर्दाफाश हो सके। इस मामले को लेकर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। आरोपों-प्रत्यारोपों के चलते सदन में कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति भी बनी और विपक्षी विधायक अपनी सीटों से उठकर कुछ देर के लिए बाहर भी गए लेकिन बाद में वे सदन में लौट आए। इस पर मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करवाने का आश्वासन दिया और कहा कि मामले को 3 दिन के भीतर सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिया जाएगा। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।

विधायक का आरोप, कुछ बड़े लोगों को बचाने का हो रहा प्रयास

इससे पहले विधायक जगत सिंह नेगी ने जनजातीय क्षेत्रों के एस.सी./एस.टी. छात्रों को छात्रवृत्ति न मिलने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जानबूझ कर विलंब किया जा रहा है। विधायक ने आरोप लगाया कि कुछ बड़े लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार काफी समय से इस मामले में जांच को तेजी से नहीं चला रही है, जिसका लाभ वे लोग उठाएंगे, जो इस घोटाले में संलिप्त रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने खारिज किए विधायक के आरोप

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधायक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जयराम सरकार ने ही सबसे पहले इस घोटाले में जांच के निर्देश दिए थे। मामला सी.बी.आई. को भी दिया गया था लेकिन उससे पहले सी.बी.आई. ने प्रारंभिक जांच के साथ-साथ एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने की मांग करते हुए इस मामले को वापस भेजा था। अब पूरी औपचारिकताएं हो चुकी हैं, ऐसे में मामले को सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में बैंक व बाहर के शिक्षण संस्थान भी जुड़े हैं, ऐसे में प्रदेश पुलिस पूरी तरह से जांच नहीं कर पाएगी। इसी मकसद से मामले को सी.बी.आई. को सौंपने का फैसला किया था।

शिक्षा मंत्री ने तथ्यों पढ़ी कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट

शिक्षा मंत्री ने तथ्यों सहित अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट पढ़ी और कहा कि सरकार किसी को भी नहीं बख्शेगी और न ही सरकार इस मामले में कोई ढील बरत रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस मामले को उजागर किया था। पूर्व सरकार के समय का यह मामला है। एक-एक छात्र को 3-3 शिक्षण संस्थानों में दर्शाकर उनके नाम पर राशि हासिल कर ली गई है। मामला काफी बड़ा है और सी.बी.आई. ही इस पर जांच कर पाएगी। छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर विधायक जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री के बीच तीखी नोक-झोंक के साथ-साथ खूब शब्दबाण चले। हालांकि बाद में मामला शांत हो गया।

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