Edited By kirti, Updated: 27 Oct, 2018 11:46 AM
बिना लाइसैंस अब फल बेचे तो विक्रेता को चालान प्रक्रिया का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसा नहीं है कि यह एक्ट नया है लेकिन इसमें नई बात यह है कि अब संबंधित विभाग ने इस कानून को जिला में सख्ती से लागू करने के लिए कमर कस ली है। यही वजह है...
चम्बा : बिना लाइसैंस अब फल बेचे तो विक्रेता को चालान प्रक्रिया का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसा नहीं है कि यह एक्ट नया है लेकिन इसमें नई बात यह है कि अब संबंधित विभाग ने इस कानून को जिला में सख्ती से लागू करने के लिए कमर कस ली है। यही वजह है कि अब जिला में लाइसैंस लिए बगैर फल बेचने वालों के खिलाफ जिला स्वास्थ्य विभाग ने अभियान छेड़ दिया है। हालांकि यह भी पता चला है कि कुछ विक्रेताओं ने लाइसैंस प्राप्त कर रखे हैं लेकिन कई ऐसे फल विक्रेता हैं जोकि बगैर लाइसैंस लिए इस कार्य को अंजाम देकर इस एक्ट को ठेंगा दिखा रहे हैं। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी की अगुवाई में एक टीम ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय में विभिन्न स्थानों पर औचक निरीक्षण कर 3 ऐसे फल विक्रेताओं के चालान काटे जोकि बिना पंजीकरण अथवा लाइसैंस लिए फलों को बेचने के काम को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने बताया कि विभाग ने उनके चालान काट कर उन्हें 15 दिनों का समय दिया है। इस समयावधि में वे विक्रेता चाहे तो विभाग के पास इस चालान को भुगत सकते हैं नहीं तो इन मामलों को समयावधि पूरी होने के बाद अदालत में भेज दिया जाएगा।
कैसे कर सकते हैं आवेदन
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि फल बेचने के लिए 2 प्रकार के लाइसैंस जारी किए जाते हैं। वर्ष में 12 लाख रुपए से अधिक के फल बेचने वाले बड़े व्यापारी को स्टेट लाइसैंस लेना जरूरी है। इसके लिए वह ऑनलाइन आवेदन करेगा और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही पूरी की जाएगी। यहां तक कि इसके लिए वाॢषक फीस जोकि 2,025 रुपए है, भी ऑनलाइन ही जमा होगी। विभाग की बजाय इस पूरे कार्य को साइबर कैफे में अंजाम दिया जाएगा। छोटे व्यापारी जोकि रेहड़ी-फड़ी या फिर 12 लाख रुपए से कम के फल वर्ष भर में बेचते हैं, पंजीकरण के लिए आवेदन करेंगे। उन्हें भी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करनी होगी और इसके लिए उन्हें वर्ष में सिर्फ 125 रुपए फीस जमा करवानी होगी। यह फीस भी ऑनलाइन जमा होगी। इन दोनों मामलों में एक बात समान और महत्वपूर्ण है कि इन लाइसैंसों व पंजीकरण के लिए आवेदक को अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी।
क्या है प्रावधान
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि जो व्यक्ति बिना पंजीकरण अथवा बिना स्टेट लाइसैंस लिए फल बेचने के कार्य को अंजाम देता है तो उसके खिलाफ फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस कार्रवाई में उक्त विक्रेता का चालान काटा जाएगा। इसके बाद विक्रेता चाहे तो 15 दिनों के भीतर विभाग के पास जुर्माना भुगत कर मुक्त हो सकता है लेकिन ऐसा न करने पर यह मामला अदालत को भेज दिया जाता है। इसमें अदालत ही अगला निर्णय लेती है।