अब अपराधियों का सुराग लगाना होगा और आसान, पढ़ें पूरी खबर

Edited By Ekta, Updated: 14 Jun, 2019 10:49 AM

now the culprits have to be clued and easy

सूबे में अपराध व हादसों के बड़े मामलों में जांच एजैंसियों के लिए अपराधियों का सुराग लगाना अब और आसान होगा। इसके लिए अपराध की घटनाओं में अहम सुराग मुहैया करवाने वाले फोरैंसिक विभाग को हाईटैक बनाया जा रहा है। सूबे के बिलासपुर, बद्दी और नूरपुर में अगले...

धर्मशाला (सौरभ सूद): सूबे में अपराध व हादसों के बड़े मामलों में जांच एजैंसियों के लिए अपराधियों का सुराग लगाना अब और आसान होगा। इसके लिए अपराध की घटनाओं में अहम सुराग मुहैया करवाने वाले फोरैंसिक विभाग को हाईटैक बनाया जा रहा है। सूबे के बिलासपुर, बद्दी और नूरपुर में अगले 2-3 माह में आधुनिक उपकरणों से लैस 3 जिला फोरैंसिक यूनिटें खोली जा रही हैं। इन यूनिटों में 5 फोरैंसिक अधिकारियों और कर्मचारियों के स्टाफ की तैनाती के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। जिला फोरैंसिक यूनिट खुलने से फोरैंसिक विशेषज्ञ आपराधिक घटना की सूरत में घटनास्थल पर जल्द पहुंच कर साक्ष्य एकत्रित कर सकेंगे। 

ऐसे करेगी काम 3डी क्राइम सीन मैपिंग

जिला फोरैंसिक यूनिटों में तैनात विशेषज्ञ उन्नत उपकरणों से लैस होंगे जो किसी अपराध या हादसे की सूचना पर त्वरित समय में घटनास्थल पर पहुंचकर 3डी क्राइम सीन मैपिंग करेंगे। इसमें क्राइम सीन को रि-क्रिएट यानी अपराध को किस तरह से अंजाम दिया गया, पता करने के बाद हाईटैक कैमरे के जरिए घटनास्थल पर ही खून के नमूने, सीमन या स्लाइवा एकत्र करने के बाद मौके पर जांच की जाएगी।

टैली फोरैंसिक सेवा

फोरैंसिक विशेषज्ञ टैली फोरैंसिक सेवा के जरिए घटनास्थल से एकत्र किए बॉयोलॉजिकल व फिजिकल साक्ष्यों की रिपोर्ट मौके पर शिमला के जुन्गा स्थित फोरैंसिक निदेशालय में भेजेंगे जिनकी वहां जांच के बाद रिपोर्ट जल्द से जल्द उन्हें प्राप्त हो सकेगी। इससे जांच एजैंसियों को कम समय में अपराध से जुड़े सुराग मिल सकेंगे

फिंगर प्रिंट व डी.एन.ए. का बनेगा डाटाबेस

फोरैंसिक विभाग में जल्द ऑटोमैटिड फिंगर प्रिंट सिस्टम लागू होने जा रहा है जिसमें बार-बार अपराध में लिप्त व्यक्तियों के फिंगर प्रिंट और डी.एन.ए. का डाटाबेस जुन्गा निदेशालय में स्थापित किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत फोरैंसिक विशेषज्ञ लाइव स्कैनर के जरिए घटनास्थल से फिंगर प्रिंट की फोटो खींचकर तुरंत जुन्गा भेजेंगे जहां फिंगर प्रिंट का डाटाबेस से मिलान कर चोरी और कत्ल के मामलों में अपराधी का तुरंत पता लगाया जा सकेगा। वहीं डी.एन.ए. के डाटाबेस में भी डी.एन.ए. रिपोर्ट मैच करने पर कत्ल, दुष्कर्म आदि मामलों में अपराधी जल्द पकड़ में आ सकेंगे।

अभी यह आती है दिक्कत

अभी जुन्गा में फोरैंसिक निदेशालय के अतिरिक्त धर्मशाला में उत्तरी रेंज और मंडी में मध्य रेंज की फोरैंसिक लैबोरेटरी स्थापित हैं। फोरैंसिक लैब धर्मशाला का कार्यक्षेत्र ऊना, कांगड़ा और चम्बा जिला जबकि फोरैंसिक लैब मंडी का कार्यक्षेत्र मंडी, कुल्लू, बिलासपुर और लाहौल-स्पीति जिलों में है। इस कारण दूरदराज क्षेत्रों में आपराधिक वारदात या हादसा होने पर फोरैंसिक टीमों को घटनास्थल पर पहुंचने में लंबा समय लग जाता है जिससे कई बार अहम साक्ष्य मिट जाते हैं जिससे जांच एजैंसियों के हाथ अहम सुराग नहीं आ पाते। इसे देखते हुए सरकार ने फोरैंसिक विभाग की 3 जिला फोरैंसिक यूनिटें खोलने की घोषणा बीते विस सत्र में की थी।

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