Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Mar, 2018 01:31 PM
गत वर्ष मछलियां मरने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने अब रिवालसर झील को वैटलैंड के रूप में विकसित करने के लिए पंचवर्षीय योजना के तहत काम करना शुरू कर दिया है। पवित्र झील को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए व वैटलैंड एरिया को विकसित कर पर्यटन नगरी रिवालसर...
रिवालसर :गत वर्ष मछलियां मरने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने अब रिवालसर झील को वैटलैंड के रूप में विकसित करने के लिए पंचवर्षीय योजना के तहत काम करना शुरू कर दिया है। पवित्र झील को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए व वैटलैंड एरिया को विकसित कर पर्यटन नगरी रिवालसर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यशाला रिवालसर स्थित वन विभाग के विश्राम गृह में आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न सामाजिक सगठनों के लोगों ने झील को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अपने-अपने सुझाव रखे। इस मौके पर वन विभाग मंडी की अरण्यपाल उपासना पटियाल व डी.एफ.ओ. मंडी राकेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा वैटलैंड क्षेत्र को विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए की पंचवर्षीय योजना तैयार की गई है, जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में सरकार ने 53 लाख रुपए की राशि स्वीकृत कर दी है। इस मौके पर आई.पी.एच. विभाग से सहायक अभियंता प्रभु राम, आर,ओ. नरेंद्र कुमार व मत्स्य विभाग से सहायक निदेशक खेम सिंह भी मौजूद रहे।
साढ़े 10 लाख से लगेंगे इन प्रजातियों के पौधे
10.5 लाख रुपए की राशि से झील के साथ लगते कैचमैंट एरिया में बान, जामुन, नहल, रामबाण व झाड़ीदार पौधे लगाए जाएंगे, वहीं कैचमैंट एरिया में रास्तों का निर्माण व बावडिय़ों के रखरखाव पर भी यह राशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा 5 लाख रुपए की राशि से मिट्टी की रोकथाम के लिए चैकडैम बनाए जाएंगे ताकि झील में साफ पानी जा सके।