अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी देहरा में नियुक्तियों को लेकर हुई धांधली : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 30 Sep, 2020 05:11 PM

now rigging of appointments in central university dehra rana

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि स्वास्थ्य के साथ शिक्षा के नाम पर भी जमकर फर्जीवाड़े व मनमानियों का दौर बीजेपी की सत्ता में बदस्तूर जारी है।

हमीरपुर : राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि स्वास्थ्य के साथ शिक्षा के नाम पर भी जमकर फर्जीवाड़े व मनमानियों का दौर बीजेपी की सत्ता में बदस्तूर जारी है। जिस कारण से योग्यतावान व क्षमतावान प्रतिभाएं प्रदेश में अपने आप को कुंठित व प्रताड़ित महसूस कर रही हैं। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि प्रदेश की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चली मनमानियों के बीच अब विशेष विचारधारा के नाम पर चमचागिरी करने वाले लोगों को नियुक्तियां दी गई हैं। इन नियुक्तियों में तमाम नियमों को दरकिनार किया गया है। जिससे सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कार्यरत बेहतर प्रदर्शन करने वाले सब्जेक्ट एक्सपर्ट खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी और विषय की और नियुक्ति किसी और विषय में नियुक्ति करने के कारनामे को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने अंजाम दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सियासी पार्टी के कार्यकर्ताओं की वफादारी की तर्ज पर नियुक्तियां की जा रही हैं। जिससे कि वहां कार्यरत अधिकांश स्टाफ में सिस्टम व सरकार के प्रति लगातार आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्लांट साइंस सब्जेक्ट में सिर्फ पीएचडी बॉटनी के लोगों को नियुक्ति देने का नियम है, लेकिन इस यूनिवर्सिटी में इस विषय की पढ़ाई के लिए बायोटेक व बायोकेमिस्ट्री के लोगों को नियुक्ति देकर अपनी पॉवर के मिसयूज की मनमानी का परिचय दिया है। जो कि छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ करने जैसा है। नियमों को ताक पर रखकर इन इलिजीबल लोगों को प्रोफेसर पद परोसे गए हैं। इन नियुक्तियों के इंटरव्यू के लिए आईडेंटिफाईड एक्सपर्ट को बुलाया गया है। जिन्होंने वहां पर नेपोटिज्म के आधार पर अपने स्टूडेंट को ही सलेक्ट किया है। 

केंडिडेट को शॉर्टलिस्ट करने में सरेआम यूजीसी के नियमों का उल्लंघन किया गया है ताकि अपने लोगों को शॉर्टलिस्ट किया जा सके। इन नियुक्तियों में अवार्ड्स मार्क्स भी चमचागिरी की राजनीति के आधार पर दिए गए हैं। जिस कारण से शॉर्टलिस्ट के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी भी सवालों के कटघरे में खड़ी है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी की इस मनमानी से प्रदेश के अनेक योग्य उच्चशिक्षा प्राप्त युवा अपनी अनदेखी से परेशान हैं। जिसको लेकर कुछ लोगों ने न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। 

उन्होंने कहा कि यह पहली यूनिवर्सिटी नहीं है जो बीजेपी के राज में मनमानी पर उतरी है। इससे पहले एनआईटी हमीरपुर, आईआईएम नाहन में भी नियुक्तियों को लेकर धांधली के आरोप लग चुके हैं। जबकि मानव भारती यूनिवर्सिटी सोलन तो लाखों फर्जी डिग्रियां बेचने के लिए विश्वभर में कुख्यात हो चुकी है। राणा ने कहा कि नियुक्तियों में बाहरी राज्य के लोगों को तरजीह व अपनों को प्रताडऩा का बीजेपी में चला दौर सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की कलई खोल रहा है। जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। क्योंकि जिस प्रदेश में क्षमतावान व योग्यतावान प्रतिभाओं से अन्याय होता है, उस प्रदेश का न सिस्टम बचता है और न सरकार बचती है।
 

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