Edited By Vijay, Updated: 19 Sep, 2018 04:34 PM
जिला में अब गौ माता सड़कों पर बेसहारा घूमती नजर नहीं आएगी। इन बेसहारा गऊओं के लिए जिला में जल्द ही 2 गौ अभ्यारण्य (काऊ सैंक्चुरी) तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए पशुपालन विभाग ने नालागढ़ व अर्की उपमंडलों में 339 बीघा जमीन चयनित कर ली है।
सोलन: जिला में अब गौ माता सड़कों पर बेसहारा घूमती नजर नहीं आएगी। इन बेसहारा गऊओं के लिए जिला में जल्द ही 2 गौ अभ्यारण्य (काऊ सैंक्चुरी) तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए पशुपालन विभाग ने नालागढ़ व अर्की उपमंडलों में 339 बीघा जमीन चयनित कर ली है। वर्तमान में जिला में सैंकड़ों गऊएं शहर व गांवों में सड़कों पर बेसहारा छोड़ी गईं हैं। इन गऊओं के रहने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। अधिकतर गऊएं सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाती हैं। अब नालागढ़ स्थित हांडाकुंडी में 114 बीघा भूमि व अर्की उपमंडल के दाड़लाघाट में 215 बीघा भूमि का चयन किया गया है। इस पर अभ्यरण्य बनाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
एन.ओ.सी. के लिए किया अप्लाई
पशु पालन विभाग ने दोनों जगह जमीन का चयन कर लिया है व इसे अभ्यारण्य बनाने के लिए उपायुक्त पाया है। अब इसके लिए वन विभाग से एन.ओ.सी. के लिए अप्लाई कर दिया है व यदि सब कुछ ठीक रहा तो इन स्थानों पर गऊओं के लिए प्राकृतिक रूप से आश्रय तैयार किया जाएगा।
ये सुविधाएं होंगी
सैंक्चुरी एरिया में गऊओं के लिए अतिरिक्त चारे (तूड़ी) की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पौंड, खुरली व टंकियां बनाकर जगह-जगह पानी की व्यवस्था की जाएगी। गऊओं को धूप बारिश व विपरीत मौसम से बचाने के लिए शैल्टर का निर्माण किया जाएगा। सैंक्चुरी एरिया के चारों ओर फैंसिंग की जाएगी ताकि अंदर से पशु बाहर न जा सकें और जंगली जानवर अंदर न आ सकें।
क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
उपनिदेशक पशुपालन विभाग सोलन डा. प्रदीप शर्मा ने बताया कि जिला सोलन में 2 गौ अभ्यारण्य बनाने के लिए 2 जगहों पर करीब 339 बीघा भूमि का चयन किया गया है। वन विभाग से इसकी एन.ओ.सी. के लिए भी आवेदन किया गया है। एन.ओ.सी. मिलने व बजट का प्रावधान होने पर तुरंत सैंक्चुरी तैयार करने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें जिला की बेसहारा गऊओं को रखा जाएगा ताकि वह दुर्घटनाओं के खतरे से दूर प्राकृतिक तरीके से रह सकें।