Edited By kirti, Updated: 03 Nov, 2018 02:01 PM
सी.एम. महोदय अब तो चलना भी हुआ कठिन, ऐसे में लंबित बाईपास को शुरू करवा दें। आम जनमानस अधिकारियों द्वारा तारीख पर तारीख दिए जाने से आहत होकर अब प्रदेश के मुखिया की ओर देखने लगा है। 1 जुलाई को जिया में आयोजित जनमंच में तीन माह में बाईपास थ्रू ब्रिज का...
पालमपुर : सी.एम. महोदय अब तो चलना भी हुआ कठिन, ऐसे में लंबित बाईपास को शुरू करवा दें। आम जनमानस अधिकारियों द्वारा तारीख पर तारीख दिए जाने से आहत होकर अब प्रदेश के मुखिया की ओर देखने लगा है। 1 जुलाई को जिया में आयोजित जनमंच में तीन माह में बाईपास थ्रू ब्रिज का कार्य पूरा कर इसे चालू करने के निर्देश दिए थे परंतु ऐसा नहीं हो सका। एक सरकार आई चली गई दूसरी आई चली गई अब तीसरी सरकार है परंतु लगभग 720 मीटर लंबे बाईपास का निर्माण अधूरा है अधिकारी भी तारीख पर तारीख देते रहे हैं लोग अब इसे गंभीरता से लेना भी छोड़ चुके हैं। लगभग एक दशक पूर्व पालमपुर नगर में यातायात के दबाव को कम करने के दृष्टिगत इस बाईपास का निर्माण कार्य आरंभ किया गया परंतु अभी तक इस काम को सिरे नहीं चढ़ाया जा सका है। 31 मार्च, 2007 को इस बाईपास थू्र ब्रिज के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी उस समय 476.14 लाख रुपए का आकलन तैयार किया गया था। इसके बाद संशोधित आकलन तथा अप्रोच को मिलाकर इसके निर्माण हेतु 7.04 करोड़ की धनराशि जारी हुई है।
ऊर्जा मंत्री के समक्ष उठाया था मामला
जुलाई को जिया में आयोजित जनमंच कार्यक्रम के दौरान ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के समक्ष इस मामले को उठाया गया था जिस पर मंत्री अनिल शर्मा ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी प्राप्त की तथा 3 माह की अवधि में इस पुल के कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए थे।
निर्माण के दौरान 2 बार हो चुकी हैं दुर्घटनाएं
बाईपास थू्र ब्रिज के निर्माण के दौरान 2 बार दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। पहला स्लैब डालने के दौरान 3 दिसम्बर, 2010 को शटरिंग बैठ जाने के कारण स्लैब धंस गया था तो एक वर्ष पश्चात 24 दिसम्बर, 2011 को घटना की पुनरावृत्ति हुई, ऐसे में शटरिंग के डिजाइन में बदलाव किया गया तथा पाइप स्टेजिंग के स्थान पर क्रिब डिजाइन की शटरिंग करने का निर्णय लिया गया।