अब खजियार-कालाटोप देखने के लिए ढीली करनी होगी जेब, जानिए क्यों

Edited By Vijay, Updated: 04 Apr, 2018 01:51 AM

now have to will losing the pocket to see the khajiyar

ग्रीन टैक्स के नाम पर टैक्सी चालकों से 2 बार टैक्स वसूला जा रहा है जोकि पूरी तरह से सही नहीं है, ऐसे में वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने खजियार में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन पर जो भारी-भरकम एंट्री फीस थोप दी है उससे टैक्सी वालों के साथ-साथ...

चम्बा: ग्रीन टैक्स के नाम पर टैक्सी चालकों से 2 बार टैक्स वसूला जा रहा है जोकि पूरी तरह से सही नहीं है, ऐसे में वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने खजियार में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन पर जो भारी-भरकम एंट्री फीस थोप दी है उससे टैक्सी वालों के साथ-साथ चम्बा जिला के लोगों पर भारी आर्थिक बौझ डाल दिया गया है। यह बात शिव भूमि टैक्सी यूनियन चम्बा के प्रतिनिधिमंडल ने डी.सी. को खजियार एंट्री फीस कम करने के संदर्भ में मांग पत्र सौंपते हुए कही। यूनियन के प्रधान संजय महाजन की अगुवाई में मिले प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि चम्बा में पहले ही पर्यटक बेहद कम संख्या में आते हैं। गर्मियों के दिनों में ज्यादातर चम्बा के स्थानीय लोग ही खजियार की ओर रुख करते हैं, ऐसे में टैक्सी चालकों को पहले खजियार में प्रवेश करने के एवज में 40 से 50 रुपए का ही शुल्क चुकाना पड़ता था लेकिन अब एक दम से 100 रुपए खजियार के और 250 रुपए कालाटोप के करने से टैक्सी चालकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भारी आर्थिक बौझ सहन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। 


परिवारों का भरण-पोषण करने में हो रही परेशानी
यूनियन ने कहा कि दिनोंदिन बढ़ते तेल के दामों के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा के इस युग में चम्बा के टैक्सी चलाकों को अपने परिवारों का भरण-पोषण करने में परेशानी पेश आ रही है, ऐसे में अगर जिला के पर्यटन स्थलों में जाने के लिए भी लोगों को ऊंचे दाम कर के रूप में चुकता करने पड़े तो फिर स्थानीय होने का लाभ क्या। यूनियन ने यह भी कहा कि प्रत्येक टैक्सी चालक/मालिक हर वर्ष ग्रीन टैक्स करीब 1500 से 3000 रुपए भरता है तो ऐसे में खजियार जाने पर भी उसे अगर टैक्स चुकता करना पड़े तो फिर उसे एक ही नाम पर दो बार टैक्स देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, ऐसे में जिला प्रशासन से यूनियन यह अनुरोध करती है कि खजियार प्रवेश करने के एवज में चम्बा के टैक्सी चालकों से पूर्व की दर्ज पर ही शुल्क वसूला जाए। 


ठेकेदार ही वसूलेगा शुल्क
वन्य प्राणी वन मंडलाधिकारी निशांत मंडोत्रा ने कहा कि साडा की बैठक में ही गाडिय़ों के खजियार व कालाटोप में प्रवेश करने की दरों पर निर्णय लिया जाता है। बैठक की अध्यक्षता बतौर साडा अध्यक्ष डी.सी. चम्बा करते हैं। पिछले दिनों आयोजित हुई बैठक में जो निर्णय लिया गया उसके अनुसार ही ठेकेदार वाहनों के प्रवेश शुल्क वसूलेगा।


एंट्री फीस कैसे वसूलता है वन्य प्राणी विंग 
मिन्नी स्विट्जरलैंड के नाम से प्रख्यात खजियार में प्रवेश करने वाले चम्बा-खजियार व डल्हौजी-खजियार मार्ग पर एक-एक एंट्री स्थल को स्थापित किया गया है। हर वर्ष वन्य प्राणी विभाग अपनी इन दोनों प्रवेश चुंगियों के माध्यम से पैसा जुटाने के लिए उनकी नीलामी प्रक्रिया को आयोजित करता है। इस प्रक्रिया के तहत नए वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए वन्य प्राणी विंग ने 43 लाख रुपए जुटाने में सफलता हासिल की है। 


क्या कहते हैं डी.सी. चम्बा
डी.सी. चम्बा हरिकेश मीणा ने बताया कि पिछले वर्ष यह एंट्री फीस 80 रुपए थी। इस नए वित्तीय वर्ष में सिर्फ 20 रुपए की बढ़ौतरी की गई तो साथ ही खजियार में वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग फीस की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। पूर्व में जहां लोगों को खजियार में प्रवेश करने का शुल्क देना पड़ता था तो इसके बाद खजियार में वाहन खड़ा करने के लिए अलग से शुल्क चुकता करना पड़ता था लेकिन अब इस व्यवस्था को लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए समाप्त कर दिया गया है। अब एंट्री फीस में ही पार्किंग फीस का समावेश कर दिया गया है। जहां तक टैक्सी यूनियन की बात है तो इस बारे में उनके साथ बैठक कर बात करने को कह दिया गया है। 

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