Edited By Simpy Khanna, Updated: 07 Jan, 2020 11:44 AM
पर्यावरण संरक्षण के लिए देश भर में तरह तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सिरमौर जिला प्रशासन द्वारा ईको फ्रेंडली पटाखे बनाने का निर्णय लिया है। इन पटाखों को बनाने के लिए मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा। पर्यावरण...
नाहन (सतीश) : पर्यावरण संरक्षण के लिए देश भर में तरह तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सिरमौर जिला प्रशासन द्वारा ईको फ्रेंडली पटाखे बनाने का निर्णय लिया है। इन पटाखों को बनाने के लिए मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर ईको फ्रेंडली पटाखों को बनाने के लिए जिला सिरमौर प्रशासन हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर) पालमपुर के साथ नाहन के एक पटाखा निर्माता का अनुबंध कराने जा रहा है। जो इन पटाखों का निर्माण करेगा।
उपायुक्त डा. आरके परूथी ने बताया कि इन पटाखों में केमिकल नाममात्र होगा। आमतौर पर पटाखे बनाने के लिए सल्फर नाइट्रेट का इस्तेमाल किया जाता है जो कि पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक माना जाता है जबकि इन ईको फ्रेंडली पटाखों में कॉपर क्लोराइड, बेरियम नाइट्रेट और एलुमिनियम टाइटेनियम का इस्तेमाल किया जाएगा। इन पटाखों से दूसरे पटाखों की अपेक्षा 30 से 40 फीसदी कम प्रदूषण होगा और हानिकारक धुआं भी नहीं छोड़ेंगे।
इन पटाखों में खुशबू के लिए हर्बल एक्सट्रेक्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। जो कि मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि गणतंत्र दिवस पर इस हर्बल पटाखे का ट्रायल किया जाएगा। कुल मिलाकर जिला प्रशासन द्वारा इको फ्रेंडली पटाखे बनाने के जो प्रयास किए जा रहे हैं वो सराहनीय कदम है। देखना यह होगा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास कितना कारगर साबित होता है।