Edited By Simpy Khanna, Updated: 06 Dec, 2019 10:43 AM
प्रदेश के निजी स्कूल प्रबंधनों को अब शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम व ट्रिप अभिभावकों की सहमति से बनाने होंगे। शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम बनाने के बाद इसकी जानकारी एस.डी.एम. को भी देनी होगी। इन टूअर या ट्रिप्स पर जाना अनिवार्य नहीं होगा और ऐसे टूअर के दौरान...
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के निजी स्कूल प्रबंधनों को अब शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम व ट्रिप अभिभावकों की सहमति से बनाने होंगे। शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम बनाने के बाद इसकी जानकारी एस.डी.एम. को भी देनी होगी। इन टूअर या ट्रिप्स पर जाना अनिवार्य नहीं होगा और ऐसे टूअर के दौरान स्कूल प्रबंधनों को विद्यार्थियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना होगा। इसको लेकर शिक्षा निदेशालय (उच्चतर) ने गाइडलाइंस जारी की हैं। कई निजी स्कूलों द्वारा शैक्षणिक टूअर प्रोग्राम व ट्रिप्स के नाम पर अत्यधिक धनराशि वसूलने के मामले सामने आने पर निजी स्कूल प्रबंधनों को उक्त निर्देश जारी किए हैं।
इसके अलावा निजी स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली फीसों पर शिक्षा निदेशालय नजर रखेगा। मनमानी पर नकेल कसने के लिए शिक्षा निदेशालय (उच्चतर) ने सभी निजी स्कूलों को अगले शैक्षणिक सत्र 2020-21 में ली जाने वाली फीस व फंड का ब्यौरा संबंधित स्कूल के नोटिस बोर्ड व वैबसाइट पर डालने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर सभी निजी स्कूलों के प्रबंधनों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शैक्षणिक सत्र 2019-20 के दौरान स्कूल प्रबंधनों द्वारा की गई फीस वृद्धि के कारण प्रदेश भर में आंदोलन हुआ था। आंदोलन जिला स्तर से लेकर सचिवालय तक छात्र अभिभावक मंच व विभिन्न संगठनों ने किया था। शिक्षा निदेशालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं और सभी निजी स्कूलों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों व मुख्याध्यापकों को जारी की गई गाइडलाइंस की कड़ाई से अनुपालना करने के निर्देश दिए हैं।
निर्देशों में कहा गया है कि दिसम्बर माह में अभिभावक-शिक्षक संघ (पी.टी.ए.) के माध्यम से सभी अभिभावकों को बुलाकर स्कूल में आम सभा का आयोजन किया जाए और अभिभावकों की सहमति से आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए प्रस्तावित फीस व फंड के बारे में विचार-विमर्श करें। आम सभा में निर्णय के अनुसार निर्धारित फीस व फंड का ब्यौरा ब्रेक-अप सहित कक्षा वार पुस्तकों की सूची अभिभावकों की सुविधा के लिए जानकारी वैबसाइट व नोटिस बोर्ड पर प्रदॢशत करनी होगी। इसके अलावा बिना उचित अनुमति के निजी स्कूल स्कूलों में किताबें, कॉपियां वर्दी व जूते आदि नहीं बेच सकेंगे और न ही किसी चिन्हित दुकान से अभिभावकों को किताबें कॉपी, वर्दी आदि खरीदने पर बाध्य किया जाए।
प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क न लेने के निर्देश
निजी स्कूलों में विद्यार्थियों से प्रत्येक कक्षा में प्रवेश शुल्क न लेने के निर्देश दिए हैं। बीते वर्षों में यह सामना आया था कि प्रदेश के कई निजी स्कूल प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क वसूलते थे। इस तरह की शिकायतें आने के बाद निजी स्कूलों को शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि विद्याॢथयों से प्रत्येक कक्षा में प्रवेश शुल्क न वसूला जाए। निदेशालय की ओर से साफ किया गया है कि स्कूल की फीस व निधियां शोषण करने वाली न होकर शिक्षा के प्रसार में सहयोगी, कर्मचारियों को सदत्त किए जाने वाले वेतन अवसंरचना के विकास और विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं व क्रियाकलापों के अनुरूप होनी चाहिए। इसके अलावा विद्यार्थियों से भवन निधि, विकास निधि व अवसंरचना निधि न वसूलने के भी निर्देश दिए हैं।
अगले सत्र के पहले माह में करना होगा पी.टी.ए. का गठन
निजी स्कूलों में आगामी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के पहले महीने में नियमों के अनुसार पी.टी.ए. का गठन करने के निर्देश जारी हुए हैं। इसमेें अभिभावकों में से दा-तिहाई सदस्य और अध्यापकों में से एक-तिहाई सदस्य लिए जाएंगे। इसके अलावा पी.टी.ए. अध्यक्ष अभिभावकों में से लिया जाएगा। इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए किए गए फीस व फंड सहित सामान्य सभा में आगामी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए निर्धारित फीस व फंड (मासिक व वार्षिक) का कक्षा वार विवरण सामान्य सभा में पारित प्रस्ताव की कॉपी निदेशालय को भेजनी होगी।
पालना नहीं की तो एन.ओ.सी. की जा सकती है रद्द
शिक्षा निदेशक उच्चतर ने सभी निजी स्कूलों के प्रबंधनों को गाइडलाइंस की जानकारी भेज दी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी निजी स्कूल के प्रबंधन ने नियमों की पालना नहीं की और शिकायत आने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ अधिनियम 1997 व नियम 2003 के प्रावधानों के तहत विभाग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी.) को रद्द किया जा सकता है।