Edited By Ekta, Updated: 22 Aug, 2019 10:27 AM
हिमाचल पथ परिवहन निगम के ड्राइवर और कंडक्टर आने वाले समय में कार्यालय में बाबूगिरी करते नजर नहीं आएंगे। इसके तहत कार्यालयों में बाबुओं की सीट पर काम कर रहे ड्राइवरों और कंडक्टरों को उनके वास्तविक काम में लगाया जाएगा ताकि निगम में चालकों और परिचालकों...
शिमला (राक्टा): हिमाचल पथ परिवहन निगम के ड्राइवर और कंडक्टर आने वाले समय में कार्यालय में बाबूगिरी करते नजर नहीं आएंगे। इसके तहत कार्यालयों में बाबुओं की सीट पर काम कर रहे ड्राइवरों और कंडक्टरों को उनके वास्तविक काम में लगाया जाएगा ताकि निगम में चालकों और परिचालकों की कमी दूर हो सके। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बुधवार को सदन में नियम-130 के तहत प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर लाए गए प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण मानवीय त्रुटियां हैं। लगभग 95.06 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय त्रुटियों के कारण ही होती हैं।
परिवहन मंत्री ने कहा कि मानवीय कारणों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एच.आर.टी.सी. में भर्ती किए जा रहे 674 चालकों को डेढ़ माह के प्रशिक्षण के बाद ही बस चलाने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि निगम में इन चालकों और 693 परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया मार्च, 2020 तक पूरी कर ली जाएगी। परिवहन मंत्री ने एच.आर.टी.सी. के माध्यम से सभी श्रेणी के चालकों के लिए भविष्य में प्रशिक्षण देने की भी बात कही। विधायक हर्षवर्धन चौहान ने नियम-130 के तहत प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यदि उचित कदम उठाए जाएं तो सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है। विधायक सुरेंद्र शौरी, राकेश जम्वाल, जगत सिंह नेगी, राजेंद्र राणा, मोहन लाल ब्राक्टा, लखविंद्र सिंह राणा, रामलाल ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, प्रकाश राणा और अरुण कुमार ने भी चर्चा में भाग लिया।
जिम्मेदारियां भी की जाएंगी तय
गोविंद ठाकुर ने कहा कि भविष्य में ब्लैक स्पॉट के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर जिम्मेदारी भी तय होगी। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम में 75 नई इलैक्ट्रिक बसें खरीद ली गई हैं और 100 और नई इलैक्ट्रिक बसें खरीदने की प्रक्रिया जारी है। परिवहन मंत्री ने कहा कि 200 अन्य सामान्य बसें भी निगम के लिए खरीदी जाएंगी।