ठेकेदार को नोटिस, ऐतिहासिक चौगान से दुकानें नहीं हटाईं तो होगी कानूनी कार्रवाई

Edited By Vijay, Updated: 11 Aug, 2018 11:07 PM

notice to contractor shops not removed then legal action

रविवार की शाम 5 बजे के बाद ऐतिहासिक चम्बा चौगान में किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधि को अंजाम नहीं दिया जा सकेगा। मिंजर मेला तहबाजारी उपसमिति अध्यक्ष एवं एस.डी.एम. चम्बा दीप्ति मंडोत्रा ने चौगान में दुकान लगाने वाले ठेकेदार को इस संदर्भ में नोटिस...

चम्बा: रविवार की शाम 5 बजे के बाद ऐतिहासिक चम्बा चौगान में किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधि को अंजाम नहीं दिया जा सकेगा। मिंजर मेला तहबाजारी उपसमिति अध्यक्ष एवं एस.डी.एम. चम्बा दीप्ति मंडोत्रा ने चौगान में दुकान लगाने वाले ठेकेदार को इस संदर्भ में नोटिस जारी कर चेता दिया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि चौगान की नीलामी के समय ही इस संदर्भ में मौखिक व लिखित तौर पर जानकारी दे दी गई थी। इसलिए अगर ठेकेदार दुकानों को चौगान से 12 अगस्त की शाम तक नहीं हटाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। चौगान के सभी भागों में प्रदेश उच्च न्यायालय की अनुमति पर ही व्यापारिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है। मिंजर मेला के सफल आयोजन के लिए चौगान के 4 भागों को नीलाम किया गया, जिनके माध्यम से मिंजर मेला आयोजन समिति को करीब डेढ़ करोड़ रुपए की आय अर्जित हुई। इस पैसे को ही मिंजर मेला के आयोजन पर खर्च किया गया।

कई मामलों को लेकर विवादों का केंद्र रहा मिंजर मेला
यह बात ओर है कि अबकी बार मिंजर मेला कई मामलों को लेकर विवादों का केंद्र रहा है लेकिन चौगान के सभी भागों से 13 अगस्त की सुबह तक हर हाल में दुकानों को हटना लाजमी है। जिला प्रशासन ऐसा कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है जिसके चलते उसे अदालत की अवमानना का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़े। इसी के चलते शुक्रवार को ही एस.डी.एम. चम्बा ने चौगान में व्यापारिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले ठेकेदारों को नोटिस थमा दिए हैं, जिसमें 13 अगस्त की सुबह तक पूरी तरह से सभी चौगान को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।

अदालत की है पैनी नजर
ऐतिहासिक चम्बा चौगान पर प्रदेश उच्च न्यायालय की पैनी नजर है। यही वजह है कि जिला प्रशासन इस बार चौगान में लगाए गए अस्थायी व्यापारिक परिसर को हटाने के लिए पूरी तरह से कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार अगर 13 अगस्त तक चौगान पूरी तरह से खाली नहीं हो जाता है तो इसे अदालत के आदेशों की अवमानना माना जा सकता है। क्योंकि अदालत ने चौगान के प्रयोग हेतु जिला प्रशासन को सिर्फ 15 दिनों की मौहलत दे रखी है। यह अवधि 12 अगस्त को पूरी हो जाएगी। यही वजह है कि अदालत के आदेशों के डर से जिला प्रशासन पूरी तरह से कमर कसे हुए हैं।

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