Edited By Vijay, Updated: 29 Apr, 2020 07:18 PM
ड्रग विभाग ने 8 फार्मा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के ड्रग अलर्ट में इन उद्योगों की 12 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे। हालांकि इन उद्योगों में एक उद्योग पहले से ही सील है। 12 दवाओं में से इस...
सोलन (नरेश पाल): ड्रग विभाग ने 8 फार्मा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के ड्रग अलर्ट में इन उद्योगों की 12 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे। हालांकि इन उद्योगों में एक उद्योग पहले से ही सील है। 12 दवाओं में से इस उद्योग की ही 5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। ड्रग विभाग ने इस मामले का कड़ा संज्ञान लिया है। प्रदेश में दवाओं के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं। इसके कारण प्रदेश की छवि भी खराब हो रही है। ड्रग विभाग ने ऐसे उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना शुरू कर दी है।
2 वर्षों में हिमाचल में बनी 211 दवाओं के सैंपल हुए फेल
विदित रहे कि केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के आंकड़ों के अनुसार पिछले 2 वर्षों में देश में कुल 768 दवाओं के सैंपल फेल हुए, इसमें हिमाचल में बनी दवाओं की संख्या 211 है। देश में दवाओं के कुल उत्पादन का करीब 40 फीसदी उत्पादन हिमाचल में ही हो रहा है। प्रदेश में करीब एक दर्जन उद्योग ऐसे हैं जिनकी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं। एक उद्योग के पिछले दो वर्षों में सात से आठ दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं। हर वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक सैंपल फेल हुए हैं।
सरकार के ऐलान का अभी तक नहीं हुआ असर
मजेदार बात यह है कि सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में प्रदेश की दवाओं के बार-बार सैंपल फेल होने के मामले को देखते हुए सरकार ने ऐसे उद्योगों को ब्लैकलिस्ट करने का ऐलान किया था लेकिन अभी तक ऐसा होता नजर नहीं आया है। राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में दवाओं के सैंपल फेल होने के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद कालाअम्ब, पांवटा साहिब, परवाणु, सोलन, संसारपुर टैरेस व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के फार्मा उद्योगों के आ रहे हैं।
2018 में फेल हुए सैंपल का ब्यौरा
वर्ष 2018 में देश में कुल 378 दवाओं के सैंपल फेल हुए इनमें से 104 दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हुआ था। जनवरी माह में देश में 31 तो प्रदेश की 9, फरवरी में 39 में से 14, मार्च में 42 में से 16, अप्रैल में 34 में से 7, मई में 43 में से 11, जून में 26 में से 4, जुलाई में 23 में से 7, अगस्त में 28 में से 6, सितम्बर में 21 में से 3, अक्तूबर में 35 में से 12, नवम्बर में 27 में से 7 तथा दिसम्बर माह में देश में 29 दवाओं में से हिमाचल की 8 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे।
2019 में फेल हुए सैंपल का ब्यौरा
वर्ष 2019 में देश की तरह प्रदेश में दवाओं के सैंपल होने का ग्राफ कम होने के साथ बढ़ा है। वर्ष 2019 में देश में 390 दवाओं के सैंपल फेल हुए इनमें हिमाचल में बनी दवाओं की संख्या 107 थी। जनवरी माह में देश में 45 दवाओं के सैंपल फेल हुए इसमें से हिमाचल की दवाओं की संख्या 14 थी। फरवरी में 37 में से 13, मार्च में 47 में से 15, अप्रैल में 29 में से 6, मई में 33 में से 8, जून में 25 में से 7, जुलाई में 18 में से 1, अगस्त में 28 में से 6, सितम्बर में 21 में से 3, अक्तूबर में 36 में से 13, नवम्बर में 37 में से 6, दिसम्बर में देश में 34 दवाओं के सैंपल फेल हुए, इनमें से हिमाचल में बनी 15 दवाओं के सैंपल फेल हुए।
उद्योगों के खिलाफ नियमों के तहत होगी कार्रवाई
सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में जिन 12 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं उन सभी उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन सभी उद्योगों के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई होगी।