गैर-हिमाचली को जमीन खरीदने के लिए NOC की अनिवार्यता हो सकती है खत्म

Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Feb, 2018 09:32 AM

non himachali may have the need of noc to buy land

जयराम सरकार हिमाचल टेनैंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट की धारा-118 का सरलीकरण करने जा रही है। सरकार इस कानून के नियमों में संशोधन करके विभिन्न विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी.) की अनिवार्यता को खत्म कर सकती है....

शिमला: जयराम सरकार हिमाचल टेनैंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट की धारा-118 का सरलीकरण करने जा रही है। सरकार इस कानून के नियमों में संशोधन करके विभिन्न विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी.) की अनिवार्यता को खत्म कर सकती है, क्योंकि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली बोर्ड व लोक निर्माण विभाग की एन.ओ.सी. की जरूरत जमीन खरीदने के लिए नहीं होनी चाहिए। दावा किया जा रहा है कि जमीन खरीदने के लिए इन विभागों की एन.ओ.सी. के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। 


कायदे से इन विभागों की एन.ओ.सी. निर्माण शुरू करने से पहले अनिवार्य होनी चाहिए। पूर्व वीरभद्र सरकार ने साल 2014 में हिमाचल टेनैंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट की धारा-118 के नियमों में संशोधन करके गैर-हिमाचली द्वारा जमीन खरीद के लिए सभी विभागों की एन.ओ.सी. को अनिवार्य किया था। इन शर्तों के कारण जो निवेशक प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं, वे धारा-118 के तहत जमीन खरीदने की औपचारिकताएं ही पूरी नहीं कर पा रहे। नियमों में संशोधन के बाद जयराम सरकार सिंगल विंडो की मंजूरी पर ही जमीन देने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो हिमाचल में निवेश के इच्छुक लोगों को उक्त विभागों की एन.ओ.सी. के अलावा डी.सी. ऑफिस व राजस्व अधिकारी के ऑफिस में चक्कर नहीं काटने होंगे। 


निवेशकों को सिंगल विंडो की मंजूरी मिलते ही यह मामला राजस्व विभाग के पास भेजा जाएगा। अब तक की व्यवस्था के मुताबिक सिंगल विंडो की मंजूरी के बाद भी मामला जिलाधीश कार्यालय भेजा जाता है, जहां पर तहसील के माध्यम से संबंधित क्षेत्र के पटवारी से रिपोर्ट लेने के बाद ही धारा-118 की मंजूरी मिलती है। वर्तमान व्यवस्था के तहत बाहरी लोगों को जमीन खरीद की औपचारिकताएं पूरी करने में ही सालों लग जाते हैं। सूचना के मुताबिक राजस्व सचिव इसी सप्ताह विभागीय अधिकारियों की संशोधन को लेकर बैठक ले सकते हैं।


क्या है धारा-118?
हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री एवं हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार ने हिमाचल टेनैंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट में धारा-118 का प्रावधान प्रदेश हितों को ध्यान में रखकर किया था। इसके तहत गैर-हिमाचली और गैर-कृषक राज्य में जमीन नहीं खरीद सकता लेकिन धारा-118 के तहत गैर-हिमाचली को बिजली प्रोजैक्ट, उद्योग व शिक्षण संस्थान इत्यादि के लिए जमीन दी जाती है।


अटल बिहारी वाजपेयी और प्रियंका गांधी को भी धारा-118 के तहत दी जमीन 
वी.वी.आई.पी. को भी स्पैशल अनुमति देकर जमीन देने का प्रावधान है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मनाली के प्रीणी गांव में मकान और प्रियंका गांधी को शिमला के छराबड़ा में मकान व बगीचे के लिए कुछ जमीन धारा-118 के तहत दी गई है।

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