स्कूलों में रैगुलर शिक्षक आने से इतने Non Granted SMC Teacher हुए बेरोजगार, पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 24 Aug, 2019 10:16 PM

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स्कूलों में रैगुलर शिक्षक आने से 700 नॉन-ग्रांटिड एसएमसी टीचर को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है, ऐसे में अब ये शिक्षक बेरोजगार हैं। बीते शुक्र वार को हुई टीजीटी प्रमोशन के कारण भी 15 नॉन-ग्रांटिड पीजीटी शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।

शिमला: स्कूलों में रैगुलर शिक्षक आने से 700 नॉन-ग्रांटिड एसएमसी टीचर को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है, ऐसे में अब ये शिक्षक बेरोजगार हैं। बीते शुक्र वार को हुई टीजीटी प्रमोशन के कारण भी 15 नॉन-ग्रांटिड पीजीटी शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को पदोन्नत कर उन स्कूलों में भेजा है, जहां नॉन-ग्रांटिड शिक्षक सेवाएं दे रहे थे। बतां दें कि बीते 2 वर्ष में शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों के स्थान पर स्कूलों में रैगुलर शिक्षकों को भेजा है। इस दौरान कई शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है और क ई शिक्षकों को कमीशन के तहत स्कूलों में नियुक्ति दी गई है, ऐसे में नॉन-ग्रांटिड एसएमसी टीचर सरकार से उनके स्थान पर रैगुलर शिक्षकों को न भेजने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के स्कूलों में अब केवल नॉन-ग्रांटिड एसएमसी 550 शिक्षक ही सेवाएं दे रहे हैं जबकि इससे पूर्व इनकी संख्या 1250 थी।

नॉन-ग्रांटिड टीचर का आरोप, सरकार कर रही सौतेला व्यवहार

पिछले 15 वर्षों से एसएमसी नॉन-ग्रांटिड टीचर मात्र 1500 रुपए में स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। आज तक न तो इन शिक्षकों को ग्रांट इन एड के तहत लाया गया और न सरकार ने इनकी वेतन में बढ़ौतरी की। ये 1500 रुपए भी इन शिक्षकों को एसएमसी कमेटी द्वारा दिए जा रहे हैं। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार नॉन-ग्रांटिड टीचर के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार ने प्रदेश के अधिकतर अस्थायी शिक्षकों को राहत दी है लेकिन इस दौरान 15 वर्षों से स्कूलों में कार्य कर रहे एसएमसी नॉन-ग्रांटिड टीचर को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी जा रही है।

भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत स्कूलों में लगे थे नॉन-ग्रांटिड टीचर

ये नॉन-ग्रांटिड टीचर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत स्कूलों में लगे थे। इनमें जेबीटी, डीएम, पीईटी, टीजीटी, शास्त्री और पीजीटी शिक्षक शामिल हैं। मौजूदा समय में लगभग 550 नॉन-ग्रांटिड टीचर स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। ये शिक्षक  अधिकतर जिला शिमला, सिरमौर, चम्बा व किन्नौर के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। ये शिक्षक सभी योग्यता पूरी करते हैं। जेबीटी, टीजीटी शिक्षक टैट क्वालिफाई हैं और बीएड हैं।

नॉन-ग्रांटिड टीचरों को ग्रांट इन एड में लाया जाए

हिमाचल प्रदेश नॉन-ग्रांटिड टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश नेगी ने सरकार से उक्त शिक्षकों को ग्रांट इन एड में लाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंंने सरकार से इन शिक्षकों के स्थान पर रैगुलर शिक्षक न भेजने का आग्रह किया है।

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