Edited By Vijay, Updated: 13 Jul, 2018 05:45 PM
नगर निगम धर्मशाला के मनोनीत पार्षद पत्रों का जबाव न मिलने से भड़क गए हैं। दो बार पत्र लिखा गया है लेकिन एक भी पत्र का जबाव नहीं मिला। मनोनीत पार्षदों ब्रिगेडियर एस.सी. पाठक, जगदीश, रजिंद्र, तेज सिंह व वीरु राम वालिया ने
धर्मशाला (जिनेश)- नगर निगम धर्मशाला के मनोनीत पार्षद पत्रों का जबाव न मिलने से भड़क गए हैं। दो बार पत्र लिखा गया है लेकिन एक भी पत्र का जबाव नहीं मिला। मनोनीत पार्षदों ब्रिगेडियर एस.सी. पाठक, जगदीश, रजिंद्र, तेज सिंह व वीरु राम वालिया ने यहां पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने कहा कि 3 माह पहले मनोनीत पार्षदों के रुप में शपथ ली थी और निर्वाचित पार्षदों के साथ एम.सी. के विकास कार्यों में सहयोग देने को कर अपनी ओर से पहल भी की थी लेकिन पार्षदों और एम.सी. अधिकारियों का उन्हें अभी तक सहयोग प्राप्त नहीं हुआ है।
मंत्री से भी उठाया मामला
इस संबंध में स्थानीय मंत्री के समक्ष मामला उठाया गया है। उनके परार्मश के बाद ही एम.सी. अधिकारियों से बातचीत के बाद सफाई व्यवस्था को लेकर हो रही अनियमितताओं को लेकर जांच की गई तो पाया गया है कि उक्त कंपनी का टैंडर 6 वर्ष कर दिया गया है और हर माह 16 लाख 53 हजार 800 रुपए का भुगतान किए जाने के बाद भी सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। वहीं 140 कर्मचारियों के स्थान पर मात्र 80 ही कर्मचारी मौजूद हैं और उक्त कर्मचारियों में से कई कर्मचारियों के पास पहचान पत्र ही नहीं है।
वार्ड सभाओं का नहीं हुआ आयोजन
उन्होंने कहा कि वार्ड स्तर पर भी एक्ट के मुताबिक वार्ड सभाओं का आयोजन नहीं हुआ है। एक्ट के मुताबिक 6 माह में 3 बार बैठक करनी आवश्यक है। यदि बैठक न की गई तो नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव पारित कर उन्हें हटाए जाने की कार्रवाई की जा सकती है। यही प्रक्रिया महापौर और उपमहापौर पर भी लागू होती है। यदि 3 बैठकों में लगातार न आए तो सरकार उन्हें हटा सकती है। नगर निगम में मर्ज किए गए क्षेत्र के लोगों को स्मार्टसिटी परियोजना के तहत भेदभाव किया गया है। पुराना क्षेत्रों को तो स्मार्टसिटी के तहत लिया गया है जबकि नए क्षेत्रों को इसमें शामिल ही नहीं किया गया है।