मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के पास नहीं कोई अपना पेयजल टैंक, वर्षों से टैंकर कर रहे सप्लाई

Edited By Simpy Khanna, Updated: 23 Sep, 2019 12:55 PM

no one has own drinking water tank near medical college of medical college

मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के लिए सालों से निजी क्षेत्र से टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। पेयजल आपूर्ति को लेकर ऑडिट पैरा लग चुका है। मैडीकल कालेज प्रबंधन का तर्क है कि किराए पर लिए गए हॉस्टल में पेयजल आपूर्ति बनाए रखना अनिवार्य...

नाहन (साथी) : मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के लिए सालों से निजी क्षेत्र से टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। पेयजल आपूर्ति को लेकर ऑडिट पैरा लग चुका है।मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का तर्क है कि किराए पर लिए गए हॉस्टल में पेयजल आपूर्ति बनाए रखना अनिवार्य है। छात्रों के लिए एम.सी.आई. के दिशा-निर्देशानुसार हॉस्टल की सुविधा होना जरूरी था। कॉलेज प्रबंधन के पास अभी तक न तो पेयजल को स्टोर करने के लिए अपना टैंक है और न ही जगह का चयन हुआ है।

गौरतलब है कि हाल ही में शहर की एक सामाजिक संस्था ने हॉस्टल आदि के किराए व पेयजल आपूर्ति के मामलों में आर.टी.आई. के माध्यम से जानकारी ली थी। साजो-सामान की खरीद-फरोख्त को लेकर प्रबंधन पर मनमानी के आरोप भी लगे हैं। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में मैडीकल कालेज व अस्पताल में स्थानीय ठेकेदार मुरम्मत आदि का कार्य नहीं करना चाहते क्योंकि समय पर भुगतान नहीं होता और बाद में कई परेशानियां खड़ी कर दी जाती हैं। 

रोगी कल्याण समिति के जरिए होने वाले कार्यों पर भी सवाल

मैडीकल कॉलेज अस्पताल की रोगी कल्याण समिति द्वारा करवाए जा रहे कार्यों व खरीद-फरोख्त को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। समिति की अभी तक हुई एकमात्र बैठक में गैर-सरकारी सदस्यों ने समिति के कामकाज की आलोचना की है। खरीद-फरोख्त के मामले में भी नियमों को ताक पर रखा गया है। आई.सी.यू. वार्ड व एमरजैंसी वार्ड में लम्बे अर्से से ए.सी. काम नहीं करते। रोगियों की ओर से इस बारे में लगातार शिकायतें की जाती रही हैं। ए.एच.यू. सिस्टम भी लम्बे अर्से से ठप्प है। वर्षों पहले हुई खरीद-फरोख्त के मामले में किसी की जवाबदेही तय नहीं है। वार्डों में रोगियों के लिए बैड पर ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने वाला प्लांट भी शुरू नहीं हो सका है।

नियमित प्रिंसीपल नहीं

मैडीकल कॉलेज की पूर्व प्रिंसीपल को सरकार ने सेवा विस्तार नहीं दिया। बाद में सरकार ने डा. ए.के. सहाय को प्रिंसीपल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। अभी तक यह तय नहीं है कि कॉलेज को नियमित प्रिंसीपल कब मिलेगा। इसी कड़ी में चम्बा व हमीरपुर में भी नियमित प्रिंसीपल तैनात नहीं हैं। हाल ही में सरकार ने शिमला में जमी सीनियर फैकल्टी को इन कॉलेजों में प्रिंसीपल तैनात करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार शिमला के सीनियर फैकल्टी यहां से बाहर तैनात नहीं होना चाहती।   

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