Edited By Vijay, Updated: 05 Dec, 2019 04:46 PM
हिमाचल प्रदेश सरकार ने जितनी भी सरकारी गाड़ियों में हूटर और सायरन लगे हैं, उन्हें तुरंत हटाने के आदेश दिए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं, जिसके चलते अब मंत्री, नौकरशाह और वीआईपी अपनी गाड़ियों में लगे हूटर और सायरन अब नहीं...
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने जितनी भी सरकारी गाड़ियों में हूटर और सायरन लगे हैं, उन्हें तुरंत हटाने के आदेश दिए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं, जिसके चलते अब मंत्री, नौकरशाह और वीआईपी अपनी गाड़ियों में लगे हूटर और सायरन अब नहीं बजा पाएंगे। दरअसल 24 सितम्बर को बार एसोसिएशन की एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हूटर के दुरुपयोग को लेकर सरकार से जवाब मांगा था, जिसके चलते सरकार ने आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि बार एसोसिएशन की जनरल हाऊस मीटिंग में 25 जुलाई को यह मामला आया था। इस मामले पर याचिका दायर करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। बार एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा था अलग-अलग ध्वनि के हॉर्न के इस्तेमाल को अवैध घोषित किया जाना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस धर्मचंद चौधरी और जस्टिस ज्योतना रेवाल दुआ की बैंच ने मल्टी टोन्ड हॉर्न पर सरकार से 4 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा था।
कई बार देखा गया है कि महत्वपूर्ण पदों पर बैठे व्यक्ति किसी भी समस्या और नियमों की परवाह किए बगैर हूटर और सायरन का गलत प्रयोग करते हुए दनदनाते आगे निकल जाते हैं। इस दुरुपयोग से न केवल आम लोगों को दिक्कत आती है बल्कि यातायात भी प्रभावित होता है, साथ ही इसे स्टेटस सिंबल के तौर भी देखा जाता है। नियमों के तहत हूटर और अलग-अलग ध्वनि के हॉर्न के इस्तेमाल की अनुमति केवल आपातकालीन वाहनों को ही है।
ध्वनि प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार भी एक अभियान चला रही है, जिसके तहत हॉर्न के कम से कम इस्तेमाल को लेकर वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। अभियान पूरा होने के बाद उल्लंघना करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस फैसले का लोगों ने भी समर्थन किया है।