Edited By Vijay, Updated: 07 Mar, 2020 04:10 PM
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एशोसिएशन प्रदेश में क्रिकेट को बढ़ावा देने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन मंडी जिला के सुंदरनगर स्थित एमएलएसएम कॉलेज ग्राऊंड में उसके सभी दावों की पोल खुल गई है। एचपीसीए ने कॉलेज में क्रिकेट खेलने के लिए पिच तो बना दी है...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एशोसिएशन प्रदेश में क्रिकेट को बढ़ावा देने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन मंडी जिला के सुंदरनगर स्थित एमएलएसएम कॉलेज ग्राऊंड में उसके सभी दावों की पोल खुल गई है। एचपीसीए ने कॉलेज में क्रिकेट खेलने के लिए पिच तो बना दी है लेकिन उसे बारिश से बचाने के लिए अभी तक पिच कवर मुहैया नहीं करवा पाई है।
बता दें कि राज्य स्तरीय नलवाड़ मेला-2020 में इस वर्ष अन्य खेल प्रतियोगिताओं के साथ पहली बार क्रिकेट चैम्पियनशिप भी आयोजित की जा रही है लेकिन बार-बार मौसम खराब होने से अभी तक अधिकतर मैच बारिश की भेंट चढ़ चुके हैं। वहीं इस मैदान पर एचपीसीए द्वारा जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता जैसे बड़े आयोजन भी करवाए जाते हैं लेकिन इस प्रकार क्रिकेट खिलाडिय़ों की अनदेखी कर एक उत्कृष्ट क्रिकेट पिच की दशा खराब की जा रही है।
इस समस्या को लेकर कॉलेज प्रबंधन द्वारा एचपीसीए और जिला क्रिकेट एशोसिएशन से भी पत्रचार किया जा चुका है। इसके बावजूद अभी तक पिच कवर के इंतजार में खिलाड़ी अपने आप को बेबस महसूस कर रहे हैं। राज्य स्तरीय नलवाड़ मेला क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजक अनिल गुलेरिया ने कहा कि 24 फरवरी से पहली बार नलवाड़ मेले के दौरान क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है लेकिन बारिश के कारण क्रिकेट प्रतियोगिता बार-बार प्रभावित हो रही है।कई बार कॉलेज प्रबंधक की तरफ से एचपीसीए को क्रिकेट पिच कवर मुहैया करवाने का आग्रह किया गया लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक पिच को कवर करने का कोई भी प्रबंध नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा कॉलेज प्रबंधक को आश्वासन दिया गया था कि जब भी जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता इस मैदान पर आयोजित की जाएगी तो उसी दौरान पिच को कवर का प्रबंध कर दिया जाएगा लेकिन यह वायदा भी झूठा साबित हुआ है। उन्होंने एचपीसीए व जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द क्रिकेट पिच को कवर करने का प्रबंध किया ताकि भविष्य में इस तरह की बाधा न आए और खिलाड़ी खेल का लुफ्त उठा सकें।