सफलता की कहानी : लहसुन की खेती से लाखों रुपए कमा रही बदाह की निशा

Edited By Vijay, Updated: 18 May, 2021 04:08 PM

nisha of badah is earning lac of rupees due to garlic cultivation

भारतीय संस्कृति में खेती को सर्वोत्तम व्यवसाय कहा गया है। कृषि क्षेत्र में आज भी करोड़ों लोगों को रोजगार देने का सामथ्र्य है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित कर रही है। किसान...

कुल्लू (ब्यूरो): भारतीय संस्कृति में खेती को सर्वोत्तम व्यवसाय कहा गया है। कृषि क्षेत्र में आज भी करोड़ों लोगों को रोजगार देने का सामथ्र्य है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित कर रही है। किसान पारम्परिक कृषि से हटकर नकदी फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिकी में आशातीत बदलाव आ रहा है।

कोरोना की परछाई से दूर खेतीबाड़ी में व्यस्त रहती है निशा

सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियां तलाशने की बजाय अगर युवा सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर नकदी फसलों की खेती करें तो वे घर में ही अच्छी आय अर्जित सकते हैं। कुल्लू शहर से सटे बदाह गांव की निशा ने कुछ ऐसा ही करके दिखाया है। निशा देवी के पास ब्यास नदी के दाएं छोर पर लगभग 5 बीघा जमीन है। जमीन के इसी भू-भाग को उसने अपने परिवार की आजीविका का साधन बना लिया है। उसके 7 सदस्यों वाले परिवार का भरण-पोषण इसी जमीन से हो रहा है। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी। उसके पति भी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। वह दिन-रात खेतों में काम करती है। परिवार के अन्य सदस्य भी खेतीबाड़ी में उसका सहयोग करते हैं। निशा का मानना है कि उसका परिवार दिनभर खेतों में काम करता है और सायंकाल अपने घर जाते हैं। इससे वे कोरोना महामारी के खतरे से भी दूर हैं।   

लहसुन से की 2 लाख रुपए की कमाई

निशा बताती है कि कुछ साल पहले तक वह केवल गेहूं और मक्की की फसल उगा रही थी। इससे साल भर का राशन तो पूरा हो जाता था लेकिन अन्य जरूरत की चीजें खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं होते थे। साथ सटे खेतों में लहसुन की अच्छी पैदावार देखकर निशा के मन में भी लहसुन की खेती करने की इच्छा जागृत हुई। पहले साल उसने थोड़ा-सा लहसुन का बीज खरीदा और जमीन के एक छोटे हिस्से में लगा दिया। दूसरे साल अब निशा के पास अपनी पूरी जमीन के लिए पर्याप्त बीज था। उसने 5 बीघा जमीन में लहसुन लगाया और दिन-रात मेहनत की। पिछले साल निशा ने लगभग 2 लाख रुपए की कमाई लहसुन से की।

हर सीजन में 25 से 30 क्विंटल तक लहसुन की पैदावार

निशा ने बताया कि वह अपनी 5 बीघा जमीन में हर सीजन में 25 से 30 क्विंटल तक लहसुन की पैदावार कर रही है। स्थानीय सब्जी मंडी में लहसुन के अच्छे दाम मिल जाते हैं। निशा ने खेतों के किनारों पर नाशपति, पलम व खुमानी के फलदार पौधे भी तैयार कर लिए हैं जो उसकी अतिरिक्त आय का जरिया बन रहे हैं। निशा के 3 बच्चे हैं। प्रांजल नौंवी कक्षा व श्रद्धा छठी कक्षा मेें पढ़ती है जबकि शिवांश अभी छोटा है। वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना चाहती है। उसका कहना है कि अब लहसुन की खेती से इतनी आय हो जाती है कि वह बच्चों को कॉनवैंट स्कूल में पढ़ा सकती है।
    
सीएम जयराम की जमकर की तारीफ

निशा का कहना है कि किसानों के कल्याण के लिए कृषि और बागवानी विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से उन्हें काफी मदद मिल रही है और अब केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना से भी उन्हें काफी प्रोत्साहन मिला है। वह कहती है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किसानों के हितों का ध्यान रखते हैं और कोरोना महामारी के संकट में भी उन्होंने किसानों व बागवानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी। वह इस साल भी लहसुन के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद कर रही है। 

क्या कहते हैं कृषि विभाग के अधिकारी

उधर, कृषि उपनिदेशक पंजबीर सिंह का कहना है कि कुल्लू जिला में लगभग 950 हैक्टेयर भूमि में लहसुन की खेती की जाती है, जिसमें 19,680 मीट्रिक टन से अधिक की पैदावार होती है। जिला में लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु है और यहां की मिट्टी भी इसके अनुकूल है। किसानों को लहसुन की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिससे उनकी आर्थिकी को संबल मिला है।

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