Edited By Simpy Khanna, Updated: 08 Oct, 2019 02:07 PM
इस बार केंद्रीय ओपन स्कूल की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह परेशानी सिर्फ मानसिक नहीं बल्कि आर्थिक नुक्सान के रूप में भी होगी। इसकी वजह यह है कि इस बार एन.आई.ओ.एस. ने जिला में मौजूद तमाम...
चंबा (विनोद) : इस बार केंद्रीय ओपन स्कूल की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह परेशानी सिर्फ मानसिक नहीं बल्कि आर्थिक नुक्सान के रूप में भी होगी। इसकी वजह यह है कि इस बार एन.आई.ओ.एस. ने जिला में मौजूद तमाम परीक्षा केंद्रों को रद्द करके बनीखेत के केंद्रीय विद्यालय में यह परीक्षा केंद्र स्थापित किया है। ऐसे में जिला चंबा के उन सभी बच्चों को बनीखेत का रुख करना होगा जिन्होंने एन.आई.ओ.एस. के तहत 10वीं या जमा 2 की परीक्षा उत्तीर्ण करने का निर्णय ले रखा है।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि संबंधित विभाग ने जो निर्णय लिया है वह सराहनीय है लेकिन अफसोस की बात है कि उसने इस निर्णय को लेते हुए जिला चंबा की कठिन भौगोलिक परिस्थिति को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया। इन तमाम परिस्थितियों को नि:संदेह एन.आई.ओ.एस. ने परीक्षा केंद्र निर्धारित करने के दौरान ध्यान में रखना चाहिए था। न जाने ऐसी कौन सी मजबूरी रही जिसके चलते उसने जिला के हजारों परीक्षार्थियों के समक्ष यह परेशानी खड़ी कर दी है। उधर, कई परीक्षार्थियों ने तो इस परीक्षा में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि इसके लिए इस विभाग का यह तुगलकी फरमान जिम्मेदार है जिसके तहत बनीखेत में परीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है।
शाम 5 बजे खत्म होगी परीक्षा, बच्चे कैसे पहुंचेंगे घर
ऐसे में अब जिला के उपमंडल भरमौर, चुराह व सलूणी के बच्चों को बनीखेत पहुंचने के लिए 2 बार बसों को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा तो साथ ही परीक्षा समाप्त होने का समय शाम के साढ़े 5 बजे रहेगा। इस वजह से जो परीक्षार्थी शाम साढ़े 5 बजे परीक्षा भवन से बाहर निकलेंगे उन्हें जिला मुख्यालय तक पहुंचने में भारी मानसिक परेशानी पेश आएगी तो साथ ही बच्चे उसी रोज वापस अपने घर नहीं पहुंच जाएंगे क्योंकि बनीखेत से भरमौर, तीसा व सलूणी की अधिक दूरी इसमें बाधा बनेगी। इससे सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को होगी।