Edited By Ekta, Updated: 12 Apr, 2018 11:02 AM
70 दिन का लम्बा अंतराल, संगीनों का साया व मानसिक पीड़ा। इस स्थिति से कांगड़ा जनपद के 3 युवक व उनके परिजन जूझते रहे। नाइजीरिया में बंधक बनाए गए कांगड़ा के 3 युवकों की रिहाई सुनिश्चित हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रयास फलीभूत हुए तो परिजनों के चेहरों पर...
पालमपुर (भृगु): 70 दिन का लम्बा अंतराल, संगीनों का साया व मानसिक पीड़ा। इस स्थिति से कांगड़ा जनपद के 3 युवक व उनके परिजन जूझते रहे। नाइजीरिया में बंधक बनाए गए कांगड़ा के 3 युवकों की रिहाई सुनिश्चित हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रयास फलीभूत हुए तो परिजनों के चेहरों पर भी राहत दिखी है। अपने परिवारजनों के रिहाई के बाद मलोग स्तिथ अजय के परिवार में खुशी के लहर दौड़ गई। नगरोटा सूरियां के तहत सुकनाड़ा के सुशील कुमार के अलावा पालमपुर की सिहोटू पंचायत के मलोग गांव के अजय कुमार और नगरोटा बगवां के उसतेहड़ गांव के पंकज कुमार डमतबींदज छंअल में तैनात थे। इन तीनों को नाइजीरिया में समुद्री लुटेरों ने जहाज सहित 31 जनवरी को बंधक बना लिया गया था।
लुटेरों ने 12 मार्च को सेटेलाइट फोन से सुशील धीमान के परिजनों को इस संबंध में जानकारी देकर 22 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। इसके बाद 28 मार्च को फोन पर लुटेरों ने धमकी दी कि यदि दो दिन के भीतर फिरौती नहीं दी गई तो बंधकों को गोली मार दी जाएगी। उसके बाद आज तक कोई फोन नहीं आया है। इसी बीच तीनों युवकों के परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सांसद शांता कुमार से उनकी रिहाई की मांग की थी। सीएम जयराम ठाकुर ने भी तीनों को छुड़ाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात की थी। वहीं मलोग स्थित परिवार के सदस्यों में अजय की मां कमला देवी, पिता और पत्नी निरंजन बेटीयो मुस्कान ओर वर्षा बहुत खुश है। उन्होंने केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार अजय को छुड़वाने का धन्यवाद किया है। इसके बारे मे उन्हें सासंद शांता कुमार के ऑफिस से आए फोन और मीडिया के द्वारा पता लगा है। अब उनको अजय के घर पहुंचने का इंतजार है।