Himachal: 'हर्बल' के नाम पर परोसा जा रहा था निकोटीन वाला हुक्का, नामी कैफे और रैस्टोरैंट्स पर बड़ा एक्शन

Edited By Vijay, Updated: 07 Dec, 2025 12:33 PM

nicotine hookah was served under guise of herbal action on cafes and restaurant

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के कई नामी कैफे और रैस्टोरैंट्स पर शिकंजा कसा है। ये प्रतिष्ठान 'हर्बल' और 'नो-निकोटीन' फ्लेवर की आड़ में ग्राहकों को तंबाकू और निकोटीन युक्त 'शीशा' (हुक्का) परोस रहे थे।

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के कई नामी कैफे और रैस्टोरैंट्स पर शिकंजा कसा है। ये प्रतिष्ठान 'हर्बल' और 'नो-निकोटीन' फ्लेवर की आड़ में ग्राहकों को तंबाकू और निकोटीन युक्त 'शीशा' (हुक्का) परोस रहे थे।

संयुक्त छापेमारी में हुआ भंडाफोड़
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शुरू किए गए 'तंबाकू-मुक्त युवा अभियान-3.0' के तहत स्टेट फ्लाइंग स्क्वॉड ने एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा, आबकारी विभाग और हिमाचल पुलिस की संयुक्त टीमों ने शिमला के कई स्थानों पर दबिश दी। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में हुक्का फ्लेवर के पैकेट जब्त किए गए। जांच में पाया गया कि जिन पैकेटों को हर्बल बताकर बेचा जा रहा था, उन पर स्पष्ट रूप से तंबाकू और निकोटीन की सामग्री लिखी हुई थी, लेकिन अनिवार्य वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनी गायब थी। यह सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (काेटपा), 2003 की धारा 7 का सीधा उल्लंघन है। इस मामले में केस दर्ज कर जब्त सामान को कोर्ट में पेश किया गया है।

45 मिनट का हुक्का 100 सिगरेट के बराबर : विशेषज्ञ
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रविंदर कुमार ने हुक्का पीने के खतरों को लेकर चौंकाने वाले वैज्ञानिक तथ्य सांझा किए हैं। उन्होंने बताया कि 45 मिनट तक हुक्का पीना 100 सिगरेट पीने के बराबर हानिकारक हो सकता है। हुक्के में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बहुत अधिक होता है और एक सत्र में एक सिगरेट की तुलना में 25 गुना अधिक 'टार' शरीर में जाता है। हुक्का पाइप सांझा करने से टीबी, हेपेटाइटिस और हरपीज जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

पूरे राज्य में होगी सख्त कार्रवाई : प्रदीप कुमार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक प्रदीप कुमार ठाकुर ने कहा कि यह कार्रवाई युवाओं को हुक्के की लत से बचाने के लिए राज्यव्यापी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 'हर्बल' या 'तंबाकू-मुक्त' के नाम पर बेचे जाने वाले उत्पाद भ्रामक हैं और सैकेंड हैंड स्मोक (धुएं के संपर्क में आने वालों) के लिए भी उतने ही खतरनाक हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कुल्लू जिले के कसोल और मनाली, साथ ही शिमला, धर्मशाला और सोलन में अवैध हुक्का सेवा की खबरें मिल रही हैं। कोटपा के प्रावधान हुक्के पर पूरी तरह लागू होते हैं, चाहे उसे किसी भी नाम से बेचा जाए। अब राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर तीन स्तरीय फ्लाइंग स्क्वॉड सिस्टम के जरिए निगरानी बढ़ाई जाएगी और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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