Edited By Updated: 14 Feb, 2017 11:51 PM
सोलन के सुबाथू में लगाए गए आई.एस.आई.एस. के पोस्टर, नारे और दीवार लेखन मामले की जांच में अब नैशनल इन्वैस्टीगेशन एजैंसी (एन.आई.ए.) की मदद ली जाएगी।
शिमला: सोलन के सुबाथू में लगाए गए आई.एस.आई.एस. के पोस्टर, नारे और दीवार लेखन मामले की जांच में अब नैशनल इन्वैस्टीगेशन एजैंसी (एन.आई.ए.) की मदद ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य पुलिस नई एस.आई.टी. गठित करेगी। अभी तक सोलन पुलिस ने अपने स्तर पर स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम गठित कर रखी है। अब जांच का जिम्मा सी.आई.डी. को सौंपा जाएगा। सी.आई.डी. के किसी राजपत्रित अधिकारी को इसका मुखिया बनाया जाएगा। इसके लिए फाइल ए.डी.जी.पी. कानून एवं व्यवस्था के पास भेजी गई है। पुलिस महानिदेशक की स्वीकृति के बाद वह नई टीम गठित करेंगे। जांच को लेकर पुलिस एन.आई.ए. से भी संपर्क साधेगी। एस.आई.टी. यह पता लगाएगी कि सोलन में जिस तरह से धमकी भरे संदेश लिखे गए, वैसे क्या कहीं भारत के दूसरे राज्यों में भी लिखे गए हैं या नहीं?
सुबाथू सेना छावनी को बम से उड़ाने की लिखी थी धमकी
हाल ही में सुबाथू सेना छावनी को 3 बम धमाकों से उड़ाने की धमकी भरे संदेश लिखे गए थे। इनमें बम धमाकों से सुबाथू से नेपाल तक दहलाने की गंभीर धमकी दी गई थी। इसके साथ ही पोस्टर और दीवार लेखन भी किया गया था। इससे पूर्व माता मनसा देवी क्षेत्र में आई.एस. कमिंग सून के नारे लिखे गए थे। ये किसने लिखे, अभी इसका पता नहीं लग पाया है। हालांकि सोलन पुलिस इस बारे में गंभीरता से जांच कर रही है। इसके लिए एस.पी. ने एस.आई.टी. का भी गठन कर रखा है। आला पुलिस अधिकारी भी पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
कुल्लू में पकड़ा गया था एजैंट
दिसम्बर, 2016 में कुल्लू जिला में आई.एस.आई.एस. का कथित एजैंट पकड़ा गया था। यह भेष बदल कर रह रहा था। सूत्रों के अनुसार एन.आई.ए. की इंटैलीजैंस इनपुट के चलते यह हाथ आया था। इसकी पहचान बेंगलुरु निवासी आबिद खान पुत्र यूसुफ खान के तौर पर हुई थी। यह हिमाचल में जाली पहचान से रह रहा था। कुल्लू पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था।
एन.आई.ए. को सौंपा है केस
आबिद के मामले की जांच अब एन.आई.ए. ही कर रही है। हिमाचल पुलिस ने इस केस को एन.आई.ए. के हवाले कर दिया है। इसे लेकर जांच एजैंसी कुल्लू का भी दौरा कर चुकी है। इस केस के संबंध में वह पुलिस से रिकार्ड अपने कब्जे में ले गई है। आरोपी हालांकि हिमाचल में किसी आतंकी संगठन के एजैंट के तौर पर सक्रिय नहीं रहा लेकिन उसके साथियों की कर्नाटक के बेंगलुरु में सक्रियता रही है। अब उसकी संलिप्तता का भी पता चल सकेगा।