Edited By Vijay, Updated: 22 Jun, 2022 06:15 PM
एनएचएम अनुबंध स्टाफ नर्सिर्ज एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता के दौरान एनएचएम अनुबंध स्टाफ नसर्ज एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंदिरा और महासचिव अंजना ने कहा कि हिमाचल में शिशु मृत्यू दर...
शिमला (जस्टा): एनएचएम अनुबंध स्टाफ नर्सिर्ज एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता के दौरान एनएचएम अनुबंध स्टाफ नसर्ज एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंदिरा और महासचिव अंजना ने कहा कि हिमाचल में शिशु मृत्यू दर में जरूर कमी आई है लेकिन नर्सों का अभी तक वेतन नहीं बढ़ाया है, जिसके एसएनसीयू, एनबीएसयू व एनबीसीसी में काम कर रही स्टाफ नर्सों को काफी कम सैलरी में अपने परिवार का खर्चा पूरा करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार ने एनएचएम द्वारा एचएलएल प्राजैक्ट के तहत 125 अनुबंध स्टाफ नर्सों को भर्ती किया था। इन नर्सों के भर्ती करने का मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यू दर में कमी लाना था और अब शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है। इसमें इन नर्सों ने काफी ज्यादा मेहनत की है।
सरकार ने 7 वर्षों में सिर्फ साढ़े 7 हजार रुपए वेतन बढ़ाया है। जब शुरू में नर्सों को भर्ती करवाया गया था तो 11480 रुपए वेतन मिलता था। अनुबंध नर्सों का कहना है कि जो अस्पतालों में बाकी स्टाफ नर्सों को वेतन मिलता है, उन्हें भी उनकी तर्ज पर वेतन दिया जाए। नर्सों ने सरकार को चेताया है कि अगर वेतन को लेकर शीघ्र ही कदम नहीं उठाए गए तो फिर आंदोलन का रास्ता अपनाने को भी मजबूर होना पड़ सकता है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंदिरा और महासचिव अंजना ने कहा कि स्टाफ नर्सें प्रदेश के लगभग सभी जिलों में काम कर रही हैं। नर्सों ने सरकार से मांग की है कि शीघ्र ही नियमितीकरण को लेकर नीति बनाई जाए।
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