Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Jan, 2018 11:09 AM
एन.जी.टी. यानि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी.पी. तरुण कपूर ने बताया कि विधि विभाग एन.जी.टी. के आदेशों पर अपनी राय जरूर दे चुका है, लेकिन कुछ बिंदुओं पर उनकी फिर से राय ली जा रही है।
शिमला: एन.जी.टी. यानि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी.पी. तरुण कपूर ने बताया कि विधि विभाग एन.जी.टी. के आदेशों पर अपनी राय जरूर दे चुका है, लेकिन कुछ बिंदुओं पर उनकी फिर से राय ली जा रही है। उन्होंने माना कि उनके आदेशों को विभाग की सिफारिश के अनुसार कुछ बिंदुओं पर जल्द कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, ताकि नियमों के तहत निर्माण करने वाले लोगों को राहत दिलाई जा सके।
बताया जाता है कि इसने शिमला के एम.सी. एरिया में निर्माण पर रोक लगा रखी है। इससे खासकर उन लोगों में हड़कंप मचा हुआ है, जिन्होंने लाखों रुपए खर्च करके शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में प्लाट खरीद रखे हैं। मगर अब निर्माण पर रोक के कारण मकान नहीं बना पा रहे हैं। इसी तरह जिन लोगों ने डेविएशन कर रखी है, लेकिन एन.जी.टी. के आदेशों के कारण उनके मकान रैगुलर नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे भवन मालिकों को अब मकान तोड़े जाने का भय सताने लगा है। यह देखते हुए राज्य सरकार नियमों के तहत मकान बनाने वालों को कुछ राहत प्रदान कर सकती है।
कमेटी ने ओवरलेपिंग ऑफ लॉ बताया
एन.जी.टी. के आदेश एग्जामिन करने को विधि सचिव की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय कमेटी ने भी ट्रिब्यूनल के आदेश कुछ बिंदुओं पर कानून के खिलाफ बताए हैं। कमेटी ने एन.जी.टी. के आदेशों पर टिप्पणी करते हुए इसे ओवरलेपिंग ऑफ लॉ बताया है। इसी तरह रैगुलाइजेशन फीस तय करना विधायिका का काम बताया है। कुछ मामलों में सरकार विशेष छूट देकर निर्माण की मंजूरी दे सकती है, लेकिन एन.जी.टी. ने कोर एरिया में सरकार द्वारा इस तरह की अनुमति न देने के आदेश पारित कर रखे हैं। इस रिपोर्ट में कमेटी ने 35 डिग्री के ढलान पर मकान बनाने जैसी शर्तों, कोर एरिया में अढ़ाई मंजिल की पाबंदी पर भी अपनी राय दी है। कमेटी ने कई बिंदुओं पर सरकार को एन.जी.टी. केआदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की संस्तुति दी है।
जल्द नक्शा पास करने के दिए निर्देश: तरुण
ए.सी.एस. टी.सी.पी. तरुण कपूर ने बताया कि कुछ लोग लीगली काम कर रहे हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से नक्शे पास नहीं करवा पाए हैं। ऐसे लोगों को राहत देने के लिए जल्द नक्शे पास करवाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बिजली व पानी के कनैक्शन बचाए जा सकें।
जानबूझकर ठेंगा दिखाने वालों पर होगी कार्रवाई
प्रदेश में कुछ लोगों ने जानबूझकर भी टी.सी.पी. एक्ट को ठेंगा दिखाया है। प्रदेश में ऐसे भी बहुत से मकान बताए जा रहे हैं, जिन्होंने मकान की बेसमैंट को क्लीयरैंस लेते वक्त बंद कर रखा था, लेकिन जैसे ही टी.सी.पी. या फिर स्थानीय शहरी निकाय से मकान की क्लीयरैंस मिली, उसके बाद बेसमैंट में या तो दुकानें बना दी गई हैं या फिर कमरे तैयार कर दिए गए हैं। टी.सी.पी. एक्ट के मुताबिक कोर एरिया में अढ़ाई मंजिल, प्लानिंग एरिया में साढ़े 4 मंजिल और साडा एरिया में साढ़े 3 मंजिल तक निर्माण की अनुमति है। कुछ लोग मकान की क्लीयरैंस लेते वक्त बेसमैंट को बंद रखते हैं। इस तरह कुछ लोग क्लीयरैंस मिलने के बाद एटिक को पूरी मंजिल में तबदील कर देते हैं। टी.सी.पी. एक्ट में सड़क के साथ लगते सभी मकान में पार्किंग भी अनिवार्य है, लेकिन ज्यादातर लोग ज्यादा मुनाफा कमाने की आड़ में पार्किंग को बंद कर देते हैं। यही वजह है कि शहर में पार्किंग की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है, जबकि पार्किंग के लिए एक अतिरिक्त मंजिल मिलती है। जानबूझकर नियमों को ठेंगा दिखाने वालों पर जल्द कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है, क्योंकि एन.जी.टी. ऐसे अवैध निर्माण को तोडऩे के आदेश दे रखे हैं।