हिमाचल में बनेंगी नई सब्जी मंडियां, जानिए कितने करोड़ होंगे खर्च

Edited By Vijay, Updated: 28 Dec, 2019 05:39 PM

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हिमाचल के अलग-अलग क्षेत्रों में 111 करोड़ रुपए से पुरानी मंडियों का विस्तारीकरण तथा नई मंडियों का निर्माण किया जाएगा। मार्कीटिंग बोर्ड के निदेशक मंडल (बीओडी) की शनिवार को आयोजित बैठक में इनके निर्माण को मंजूरी मिल गई है।

शिमला (ब्यूराे): हिमाचल के अलग-अलग क्षेत्रों में 111 करोड़ रुपए से पुरानी मंडियों का विस्तारीकरण तथा नई मंडियों का निर्माण किया जाएगा। मार्कीटिंग बोर्ड के निदेशक मंडल (बीओडी) की शनिवार को आयोजित बैठक में इनके निर्माण को मंजूरी मिल गई है। बीओडी के बाद पत्रकार वार्ता में बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 1134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना से मार्कीटिंग बोर्ड को यह राशि बेहतर विपणन सुविधाओं के लिए मिली है। प्रदेशभर में इससे पुरानी मंडियों का जरूरत के हिसाब से विस्तारीकरण किया जाएगा। पांवटा साहिब कांगनी (मंडी) के लिए टैंडर भी लगा दिए गए हैं।

ठियोग के थर्मटी में 6.31 करोड़ से बनेगी नई मंडी

पांवटा साहिब मंडी का 5.62 करोड़ रुपए तथा कंगनी मंडी का विस्तारीकरण 3.21 करोड़ रुपए से किया जाएगा। ढली मंडी के विस्तारीकरण पर 15 करोड़ रुपए खर्च को बीओडी ने मंजूरी दी। इसी तरह शिलारू में 40 बीघा जमीन पर 7.50 करोड़ रुपए से नई मंडी बनाने को, खड़ापत्थर मंडी को 25 लाख रुपए से अपग्रेड, मेहंदली मंडी को 20 करोड़ रुपए, ठियोग के थर्मटी में 25 बीघा जमीन पर पहले चरण में 6.31 करोड़ रुपए से नई मंडी, सिरमौर के सरांह में 3 करोड़ रुपए से नई मंडी, ऊना में बाजार से 2 किलोमीटर दूरी पर 40 बीघा जमीन पर 29 करोड़ रुपए (पहले चरण में 6.55 करोड़ मंजूर) से नई मंडी, पालमपुर में 1.58 करोड़ रुपए, परवाणु में 24.96 करोड़ रुपए, कुल्लू के शठ में 5.16 करोड़ रुपए, पराला में 5 करोड़ रुपए, बंदरौल में 10 करोड़ रुपए, जसूर में 64 लाख रुपए तथा खेगसू में 71 लाख रुपए से मंडियों को अपग्रेड किया जाएगा।

ई-नेम प्रोजैक्ट से 15 मंडियों में लगेंगे ग्रेडिंग व पैकिंग प्लांट

बलदेव भंडारी ने कहा कि ई-नेम प्रोजैक्ट वाली प्रदेश की 15 मंडियों में ग्रेङ्क्षडग व पैकिंग हाऊस भी स्थापित किए जाएंगे। केंद्र ने इसके लिए 6.75 करोड़ रुपए ई-नेम प्रोजैक्ट के तहत दिए हैं। प्रत्येक मंडी को 45-45 लाख रुपए इसकाम के लिए दिए जाएंगे। इससे इन मंडियों में किसान सहित ट्रेडर भी अपनी फसलकी मशीनों से ग्रेडिंग व पैकिंग कर पाएंगे।

ई-नेम प्रोजैक्ट से देशभर की मंडियों में फसल बेच पाएंगे किसान

मार्कीटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर ने कहा कि ई-नेम प्रोजैक्ट में किसानों-बागवानों सहित ट्रेडरों का पंजीकरण किया जा रहा है। शिमला और सोलन मंडी में अगले साल तक उत्पादों की ई-ऑक्शन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए मंडियों में जरूरी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुडऩे के बाद किसान शिमला से ही देश की अलग-अलग मंडियों में अपने उत्पाद बेच पाएंगे। अभी लोग ऑनलाइन शॉपिंग भी कर रहे हैं।

83 आढ़तियों व लदानियों पर दर्ज की गई एफआईआर

बलदेव भंडारी ने कहा कि आढ़तियों व लदानियों द्वारा बागवानों की पेमैंट हड़पने की एपीएमसी व बोर्ड को कुल 573 शिकायतें मिली हैं। सभी शिकायतें आगामी कार्रवाई के लिए एसआईटी को भेज दी गई हैं। इनमें से 83 मामलों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और एसआईटी के प्रयासों से 319 शिकायतों का निपटारा करते हुए बागवानों को उनकी 6.52 करोड़ रुपए की पेमैंट की अदायगी कर दी गई है। इसी तरह शिमला व सोलन एपीएमसी के प्रयासों से 1.89 करोड़ रुपए बागवानों को दे दिए गए हैं।

 

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