वीरभद्र V/S सुखराम के बीच सियासी जंग में नया ट्विस्ट, वारिसों के बीच जंग की तैयारी

Edited By Ekta, Updated: 20 Jan, 2019 11:05 AM

new twist in political battle between virbhadra vs sukhram

हिमाचल प्रदेश की राजनीति के दो धुरंधर इस बार के लोकसभा चुनावों में आमने-सामने हो सकते हैं। यह धुरंधर हैं वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम। हालांकि इन दोनों नेताओं में 36 का आंकड़ा है लेकिन इन्होंने कभी भी आमने-सामने का मुकाबला नहीं किया है। अब हालात ऐसे...

मंडी (नीरज): हिमाचल प्रदेश की राजनीति के दो धुरंधर इस बार के लोकसभा चुनावों में आमने-सामने हो सकते हैं। यह धुरंधर हैं वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम। हालांकि इन दोनों नेताओं में 36 का आंकड़ा है लेकिन इन्होंने कभी भी आमने-सामने का मुकाबला नहीं किया है। अब हालात ऐसे बन रहे हैं जिससे यह अप्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने आ सकते हैं। 
PunjabKesari

वीरभद्र की रणनीति

वीरभद्र सिंह मंडी लोकसभा क्षेत्र से अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस के टिकट पर चुनावी रण में उतारने की अंदरखाते तैयारी में जुटे हुए हैं। हालांकि उनका बेटा शिमला ग्रामीण से विधायक है लेकिन लोकसभा का चुनाव लड़ने से बेटे की पहुंच पूरे मंडी संसदीय क्षेत्र में हो जाएगी जिसके तहत 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जोकि प्रदेश का एक बहुत बड़ा भाग है। वीरभद्र सिंह चाहते हैं कि उनका बेटा जल्दी से जल्दी राजनीति की बुलंदियों पर पहुंचे और हर ओर उसका डंका बजे, ताकि परिवार का प्रदेश की राजनीति में जो रूतबा है वह बरकरार रहे।

सुखराम की चाहत

वहीं दूसरी तरफ राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम अपने पोते आश्रय शर्मा को भाजपा के टिकट पर मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनावी रण में उतारने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सुखराम का परिवार हालही के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ है और इस कारण कांग्रेस को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा था। बेटे अनिल शर्मा को कैबिनेट मंत्री का दायित्व प्रदेश सरकार में मिला हुआ है लेकिन पोते आश्रय शर्मा को भी वह सांसद के रूप में देखना चाहते हैं। सुखराम मंडी लोकसभा सीट से कई बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में इस सीट पर उनका भी खासा रूतबा है। ऐसे में सुखराम चाहते हैं कि वह लोकसभा की अपनी विरासत को अपने पोते आश्रय शर्मा के हवाले करें। इसलिए सुखराम ने खुले तौर पर यह स्पष्ट कहा है कि वह अपने पोते के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। 

रोचक हो सकता है मुकाबला

अगर कांग्रेस के टिकट पर विक्रमादित्य सिंह और भाजपा के टिकट पर आश्रय शर्मा मंडी सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यह मुकाबला काफी रोचक हो सकता है। क्योंकि सामने तो दो युवा चेहरे होंगे लेकिन इनके पीछे दो धुरंधरों की साख दांव पर लगी होगी। हालांकि वीरभद्र और सुखराम ने कभी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा लेकिन उनकी अगली पीढ़ी चुनाव लड़कर इनका इम्तिहान ले सकती है।

टिकट के कई चाहवान

मंडी संसदीय सीट से इस वक्त कांग्रेस और भाजपा में टिकट के कई चाहवान कतार में हैं। हालांकि यह सीट इस वक्त भाजपा के पास है और राम स्वरूप शर्मा मौजूदा सांसद हैं। मौजूदा सांसद का टिकट काटना काफी मुश्किल होता है। लेकिन फिर भी जब तक पार्टी हाईकमांड टिकटों का आबंटन नहीं कर देती तब तक टिकट के चाहवानों की कतार लंबी ही होती जाएगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेसी भी टिकट की जुगाड़ में हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!