Edited By Ekta, Updated: 19 Sep, 2018 03:46 PM
बेहतर शिक्षा के दावे करने वाली सरकार के पास शायद इतना समय नहीं है कि वह अपने दावों की सच्चाई को जानने की हिम्मत जुटा सके। ऐसा नहीं है तो फिर आखिर क्या वजह है कि जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर कीड़ी पंचायत में मौजूद प्राथमिक स्कूल सालुई...
चम्बा (विनोद): बेहतर शिक्षा के दावे करने वाली सरकार के पास शायद इतना समय नहीं है कि वह अपने दावों की सच्चाई को जानने की हिम्मत जुटा सके। ऐसा नहीं है तो फिर आखिर क्या वजह है कि जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर कीड़ी पंचायत में मौजूद प्राथमिक स्कूल सालुई को बीते 6 वर्षों के बाद भी अपनी छत नसीब नहीं हुई है। वर्तमान में यह स्कूल एक निजी भवन में चला हुआ है जोकि निर्माणाधीन है। निर्माणाधीन इस भवन की स्थिति यह है कि इसके दीवारों पर अभी तक प्लास्टर तक नहीं हुआ है तो साथ ही दरवाजे व खिड़कियों के नाम पर उनके चौखटे महज चौखटे ही लगे हुए हैं। यही नहीं इस स्कूल में प्रवेश करने के लिए किसी दरवाजे को पार करने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रवेश मार्ग की तरफ कोई भी दरवाजा नहीं लगा हुआ है।
नि:सन्देह यह सब बातें अविश्वसनीय लगे लेकिन चम्बा विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत कीड़ी के प्राथमिक स्कूल सालुई की यही व्यथा है। यहां वर्तमान में 25 के करीब शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इनके बैठने के लिए एक ही खुला हवादार कमरा मौजूद है। इस स्कूल के कमरे में लाइट की व्यवस्था भी नहीं है। यह बात ओर है कि खिड़कियां नहीं होने की वजह से बच्चों को कुदरती रोशनी के चलते इस सुविधा के लिए तरसना नहीं पड़ता है।
इतना जरूर है कि गर्मियों के दिनों में इस हवादार स्कूल भवन में शिक्षा ग्रहण करने व पढ़ाने वाले अध्यापकों को ताजा हवा के ठंडे झोंके गर्मी से राहत दिलाते रहते हैं लेकिन सर्दियों में यही हवा के ठंडे झोंकों से इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले नन्हें छात्र-छात्राओं को कपकपाने के लिए मजबूर करते हैं। अफसोस की बात है कि जिला चम्बा देश के पिछड़े 115 जिलों की सूची में शुमार है और इस सूची से बाहर इस जिला को लाने के लिए बड़े-बड़े दावे किया जाते हैं लेकिन इस स्कूल की खस्ता हालत को देखकर ऐसा हरगिज आभास नहीं होता है कि इन दावों में दम है।