लापरवाही: अपनों के ही जख्मों पर मरहम लगाना भूला नगर निगम

Edited By Ekta, Updated: 16 Nov, 2018 03:39 PM

negligence applying ointment only to the wounds of the municipal corporation

नगर निगम प्रशासन अपने ही मृतक कर्मचारियों के परिजनों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाया है। सालों से मृतकों कर्मचारियों के परिजन अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के लिए निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। नगर निगम के पास वर्ष 2005 से अनुकम्पा के...

शिमला (वंदना): नगर निगम प्रशासन अपने ही मृतक कर्मचारियों के परिजनों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाया है। सालों से मृतकों कर्मचारियों के परिजन अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के लिए निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। नगर निगम के पास वर्ष 2005 से अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के लिए आवेदन लंबित पड़े है। हैरानी इस बात की है कि 28 से अधिक मामलों पर सभी औपचारिकताएं सालों पहले से पूरी कर ली गई है, लेकिन नगर निगम अब तक मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी नहीं दे रहा हैं। इसे एम.सी के सामान्य विभाग की लचरकार्य प्रणाली कहें और या फिर नगर निगम प्रशासन की लापरवाही। जिसका खामियाजा मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को भुगतन पड़ रहा हैं। 

आर.टी.आई. के तहत ली गई जानकारी के मुताबिक निगम की सामान्य शाखा के पास 28 मामले ऐसे है, जिन पर औपचारिकताएं पूरी है, जबकि 50 से अधिक मामले ऐसे है, जिनकी औपचारिकता पूरी की जा रही हैं जो अब तक फाईलों में धूल फांक रहे है, लेकिन सालों से आश्रितों को नौकरी नहीं दी गई हैं। हां यह जरूर है कि प्रशासन ने ऊंची पहुंच और रसूखदारों के दबाव के चलते इक्का-दूक्का कर्मियों के  परिजनों को नौकरी दी है, लेकिन शेष मामले अभी भी निगम के पास लंबित पड़े है, करीबन 12 सालों से अनुकम्पा के आधार पर नौकरी की आस लगाए मृतकों के परिजनों के सब्र का बांध अब टूट चुका है, इसमें से कई आश्रित अब कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए हैं। नगर निगम की पानी, सीवरेज, आर.एंड.बी, सामान्य शाखा सहित स्वास्थ्य शाखा में अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दी जानी है, लेकिन नगर निगम अपने मृतक कर्मचारियों के परिजनों को पिछले 12 सालों से नौकरी नहीं दे पाया हैं।

स्वास्थ्य शाखा में है सबसे अधिक मामले 
नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग के पास अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्रदान करने के करीबन 55 से अधिक मामले लंबित पड़े हुए है, जिसमें से कई मामलों की तमाम औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है, लेकिन अब तक इन पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई हैं। 

इनमें से कई मामलों को निगम ने रद्द कर दिया है
इसमें मृतकों के परिजनों द्वारा रोजगार के लिए मृत्यु के 3 सालों के भीतर आवेदन करने की शर्त को पूरा नहीं किया गया है, जिसे रद्द कर दिया गया हैं।

सरकार ने एम.सी को किया है रोजगार देने को अधिकृत 
जानकारी के मुताबिक सरकार ने नगर निगम को अनुकम्पा के आधार पर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है, हालांकि इससे पूर्व ऐसे मामले सीधे सरकार को भेजे जाते थे। नगर निगम सदन से भी आश्रितों को रोजगार देने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया हैं, साथ ही निगम के बजट में भी अनुकम्पा के आधार पर सभी आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान हर साल नगर निगम करता हैं।

कर्मचारी संघ भी कर चुके है रोजगार देने की मांग
नगर निगम के पास अनुकम्पा के आधार पर रोजगार देने के लंबित पड़े मामलों का जल्द निपटारा करने की मांग निगम के कर्मचारी संघ प्रशासन व सरकार से कर चूके हैं। यहीं नहीं निगम सदन में भी मामले को कई बार उठाया गया है, लेकिन अभी तक मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी नहीं दी गई हैं। सेवाकाल के दौरान जिन कर्मचरियों का निधन हुआ है, उन कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जल्द फाईलें तैयार सभी औपचारिकताएं पूरी करने के आदेश दिए गए है। मामले पर जल्द ही उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएंगी।

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