Edited By Vijay, Updated: 25 Sep, 2018 07:19 PM
पत्थरों तथा चट्टानों के आपस में टकराने से आग निकलती है, देखते ही देखते लगभग 400 भेड़-बकरियां मलबे में दफन हो जाती हैं, आंखों में आंसू आवाज तथा मंद आवाज के साथ कजाई राम अपने तथा अन्य भेड़ पालकों के साथ घटी घटना को बयां करता है।
पालमपुर: पत्थरों तथा चट्टानों के आपस में टकराने से आग निकलती है, देखते ही देखते लगभग 400 भेड़-बकरियां मलबे में दफन हो जाती हैं, आंखों में आंसू आवाज तथा मंद आवाज के साथ कजाई राम अपने तथा अन्य भेड़ पालकों के साथ घटी घटना को बयां करता है। चम्बा के होली से मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख करने वाले कजाई राम तथा चांदराम व साथियों को क्या पता था कि जिस रास्ते पर वर्षों से आवागमन कर रहे हैं उसी रास्ते पर नियती उनके साथ यह घिनौना खेल खेलने जा रही है।
पालमपुर पहुंचकर प्रशासन को सुनाई व्यथा
कजाई राम ने बताया कि किसी तरह रात काटी तथा सोमवार प्रात: पूरी स्थिति जानकर उन्होंने पालमपुर पहुंचने का प्रयास किया परंतु खोपू नाला पूरी तरह से उफान पर होने के कारण उसे पार नहीं किया जा सका। मंगलवार को कजाई राम ने पालमपुर पहुंचकर अपनी व्यथा प्रशासन को बताई है। कजाई राम के साथ प्रशासन के पास पहुंचे थला पंचायत के पूर्व प्रधान कुलदीप कुमार के अनुसार घटना में लगभग 20 से 25 लाख की हानि भेड़पालकों को पहुंची है।
बुधवार को घटनास्थल पर रवाना होगी
नायब तहसीलदार चरण दास कपूर ने कहा कि प्रशासन ने घटनास्थल पर टीम भेजने का निर्णय लिया है। टीम में राजस्व विभाग वन विभाग के अतिरिक्त पशुपालन विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहेंगे। मौके पर ही मरी हुर्ईं भेड़-बकरियों का पोस्टमार्टम करवाने के लिए पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम भी भेजी जा रही है। उक्त क्षेत्र अत्यंत दुर्गम होने के कारण लगभग 10 घंटे में ही वहां पहुंचा जा सकता है, ऐसे में बुधवार को टीम सुबह होते ही घटनास्थल की ओर रवाना होगी तथा गुरुवार को वापस लौटेगी।