Edited By Vijay, Updated: 27 Jun, 2018 10:21 PM
प्रदेशभर में ग्रामीण स्तर पर उच्च सुविधाएं उपलब्ध करवाने केे सरकार के दावों की पोल उपमंडल कुमारसैन के सिविल अस्पताल में खुल रही है, जहां शवगृह के दरवाजे पर मिट्टी व पत्थरों के ढेर लगे होने के कारण उसका दरवाजा ही नहीं खुल पाया, जिस कारण यहां लाए...
कुमारसैन: प्रदेशभर में ग्रामीण स्तर पर उच्च सुविधाएं उपलब्ध करवाने केे सरकार के दावों की पोल उपमंडल कुमारसैन के सिविल अस्पताल में खुल रही है, जहां शवगृह के दरवाजे पर मिट्टी व पत्थरों के ढेर लगे होने के कारण उसका दरवाजा ही नहीं खुल पाया, जिस कारण यहां लाए युवकों के शव रातभर जीप में पड़े रहे। अस्पताल में पिछले काफी समय से बी.एम.ओ. सहित 4 डाक्टरों के अलावा दर्जनभर पद विभिन्न श्रेणियों के खाली पड़े हैं। मंगलवार रात्रि नारकंडा दुर्घटना में मारे गए 5 युवकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए कुमारसैन में लाया गया, जहां पर इनको रखने में पुलिस व प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अस्पताल के शवगृह के ठीक सामने मलबे के ढेर लगे होने के कारण शवों को रातभर एक जीप में तिरपाल से ढक कर रखना पड़ा, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्रचिन्ह लगना भी स्वाभाविक है।
एस.डी.एम. के आदेश के बाद बनाया वैकल्पिक रास्ता
बता दें कि कुमारसैन में 50 बिस्तरों के अस्पताल की नई बिल्डिंग का कार्य चला हुआ है, ऐसे में शवगृह के पास मलबे का ढेर लगा है, जिससे शवगृह के अंदर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद है लेकिन इस बारे में न तो स्वास्थ्य विभाग और न ही लोक निर्माण विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है। हालांकि एस.डी.एम. के आदेश के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा आनन-फानन में शवगृह के लिए वैकल्पिक रास्ते का निर्माण किया गया। इतना ही नहीं, अस्पताल में डाक्टरों के खाली पद होने के कारण शवों का पोस्टमार्टम करने में काफी समय लग गया।
केवल एक ही स्ट्रेचर की सुविधा
सिविल अस्पताल कुमारसैन में केवल एक ही स्ट्रेचर की सुविधा है। उपमंडल कुमारसैन के पंचायत प्रतिनिधियों, सामाजिक एवं कल्याणकारी संस्थाओं के सदस्यों व महिला मंडल सदस्यों ने प्रदेश सरकार से कुमारसैन अस्पताल में रिक्त पड़े डाक्टरों व स्टाफ के अन्य पदों को शीघ्र भरने की मांग की है।