Edited By Kuldeep, Updated: 08 Dec, 2018 06:32 PM
जिला मुख्यालय में अब पुलिस घोड़ों की मदद से गश्त करेगी। करीब 12 साल बाद नाहन में घोड़े पुलिस के साथ चहलकदमी करते नजर आएंगे। फिलहाल 3 घोड़े शिमला से नाहन के लिए भेजे गए हैं, जिन्हें अश्वारोही दल में शामिल किया गया है।
नाहन : जिला मुख्यालय में अब पुलिस घोड़ों की मदद से गश्त करेगी। करीब 12 साल बाद नाहन में घोड़े पुलिस के साथ चहलकदमी करते नजर आएंगे। फिलहाल 3 घोड़े शिमला से नाहन के लिए भेजे गए हैं, जिन्हें अश्वारोही दल में शामिल किया गया है। जल्द ही यह घोड़े पुलिस के साथ सड़कों, गलियों आदि में गश्त के दौरान दिखाई देंगे। पुलिस की मानें तो यह घोड़े ऐसे स्थानों पर पुलिस गश्त में मदद करेंगे जहां वाहन नहीं जा सकते। घोड़ों के लिए पहले ही नाहन पुलिस के पास 2 जवान प्रशिक्षित हैं, जिनकी सेवाएं ली जाएंगी।
पहले भी शहर में पुलिस द्वारा घोड़ों की मदद से गश्त की जाती थी
पहले भी शहर में पुलिस द्वारा घोड़ों की मदद से गश्त की जाती थी। लेकिन बीच में यह बंद हो गई थी। उनके लिए बकायदा अश्वगृह भी था। जिसके बाद कई बार घोड़ों के लिए मांग उठती रही है। जिला मुख्यालय के साथ लगते कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां वाहनों की आवाजाही नहीं रहती ऐसे में पुलिस को यदि गश्त करनी पड़े तो पैदल ही करनी पड़ती है। इतना ही नहीं रियासत काल में भी सिरमौर में घोड़े हुआ करते थे। यहां जिला मुख्यालय नाहन में अस्तबल हुआ करता था। जिसमें भारी संख्या में घोड़े उपलब्ध रहते थे। बाद में अस्तबल सरकार के अधीन हो गया और वहां कालेज का ब्लॉक बना। वर्तमान में यह भवन मैडीकल कालेज के अधीन है।
परेड आदि में भी बन सकते हैं आकर्षण
माना जा रहा है कि घोड़ों को विभिन्न दिवसों पर आयोजित होने वाली परेड में भी शामिल किया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो भविष्य में नाहन में आयोजित होने वाली परेड अधिक आकर्षक होगी।
नाहन के लिए 3 घोड़े भेजे गए हैं
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरमौर वीरेंद्र ठाकुर का कहना है कि गश्त आदि के लिए शिमला से नाहन के लिए 3 घोड़े भेजे गए हैं। घोड़ों की मदद से ऐसे क्षेत्रों में रात के समय गश्त बढ़ाई जाएगी जहां वाहन नहीं जा सकते। घोड़ों के लिए फिलहाल 2 प्रशिक्षित पुलिस कर्मी उपलब्ध हैं।