Edited By Ekta, Updated: 02 Oct, 2018 11:44 AM
किसी भी शहर के लिए वहां का बस स्टैंड उसका आईना होता है। मगर 1621 में बसे ऐतिहासिक शहर नाहन के बस स्टैंड की बदहाली यहां आने वाले लोगों पर इसकी छवि विपरीत पड़ रही है। यह बस स्टैंड एक लंबे अरसे से बदहाली के आंसू रो रहा है। यहां आने वालों का कीचड़ से...
नाहन (सतीश): किसी भी शहर के लिए वहां का बस स्टैंड उसका आईना होता है। मगर 1621 में बसे ऐतिहासिक शहर नाहन के बस स्टैंड की बदहाली यहां आने वाले लोगों पर इसकी छवि विपरीत पड़ रही है। यह बस स्टैंड एक लंबे अरसे से बदहाली के आंसू रो रहा है। यहां आने वालों का कीचड़ से स्वागत होता है। मगर सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठा रही है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में भी इन बस स्टैंड की हालत सुधारने के बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो सूबे नए परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने भी यहां का जायजा लेते हुए इसके रखरखाव के लिए राशि स्वीकृत की। मगर अब तक कुछ नहीं बना।
नतीजतन बस स्टैंड की हालत बद से बदतर होती जा रही है। बस स्टैंड का परिसर थोड़ी सी बरसात में कीचड़ में तब्दील हो जाता है। कीचड़ भी ऐसा की लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। यदि परिसर में कीचड़ नहीं होता तो धूल मिट्टी से परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि कीचड़ के कारण काफी परेशानी होती है। इस दिशा में उचित कदम उठाए जाने चाहिए। उधर परिवहन विभाग के नाहन में तैनात आरएम राशिद शेख का का कहना है कि बस स्टैंड के रखरखाव के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। जल्द ही इसकी दशा सुधारी जाएगी।