Edited By Kuldeep, Updated: 26 Nov, 2018 04:21 PM
नादौन उपमंडल के किसानों की मेहनत पर पानी फिरना शुरू हो गया है। अभी किसानों ने गेहूं की फसल की बिजाई भी पूरी नहीं की है कि बंदरों ने खेतों से गेहूं के बीजों को चुन-चुनकर खाना शुरू कर दिया है।
नादौन (जैन): नादौन उपमंडल के किसानों की मेहनत पर पानी फिरना शुरू हो गया है। अभी किसानों ने गेहूं की फसल की बिजाई भी पूरी नहीं की है कि बंदरों ने खेतों से गेहूं के बीजों को चुन-चुनकर खाना शुरू कर दिया है। बीजे गए खेतों में बंदर झुंडों के रूप में धावा बोल रहे हैं तथा खेत के कोने-कोने से दाना-दाना चट कर रहे हैं। किसान जब खेतों से इन बंदरों को खदेड़ते हैं तो ये बंदर उन पर गुर्राते हैं तथा हमले पर उतारू हो जाते हैं।
बंदरों ने किसानों का खेतीबाड़ी से मोह भंग करवा दिया है
हर मौसम में किसान हजारों रुपए खर्चकर फसलों को इस आस में बीजता है कि इस बार उसे अच्छी फसल होगी, परंतु अच्छी फसल की पैदावार होने से पहले ही जंगली जानवर व बंदर फसलों को चट कर जाते हैं। नादौन उपमंडल में लगभग 58 प्रतिशत भूमि पर कृषि होती है, परंतु अब इसका आंकड़ा और नीचे खिसक रहा है, जिसका प्रमुख कारण जंगली जानवर हैं। बंदरों ने किसानों का खेतीबाड़ी से मोह भंग करवा दिया है। किसानों के हित में सरकार को जंगली जानवरों व बंदरों से निजात दिलाने के लिए उचित उपाय करने होंगे, नहीं तो कृषि योग्य भूमि भी बंजर भूमि में बदल जाएगी।