Edited By kirti, Updated: 21 May, 2019 04:23 PM
देवभूमि को ऋषि-मुनियों की धरती कहा जाता है। यहां पर कई ऐतिहासिक मंदिर है। जैसे सिरमौर जिले का सबसे प्रसिद्ध नाग देवता मंदिर। जहां पर गिरीपार के तमाम लोग अपनी पहली फसल यहां पर चढ़ाते हैं ताकि साल भर अनाज की कमी ना रह सके।
सिरमौर(रोबिन) : देवभूमि को ऋषि-मुनियों की धरती कहा जाता है। यहां पर कई ऐतिहासिक मंदिर है। जैसे सिरमौर जिले का सबसे प्रसिद्ध नाग देवता मंदिर। जहां पर गिरीपार के तमाम लोग अपनी पहली फसल यहां पर चढ़ाते हैं ताकि साल भर अनाज की कमी ना रह सके।
यह मंदिर प्राचीन राजाओं के समय से चलता आ रहा है। बता दें कि मान्यताओं के मुताबिक यहां के राजा की पत्नी ने दो बच्चों को जन्म दिया था, जिसमें से पहले उन्होंने नाग को जन्म दिया और बाद में एक पुत्र को जन्म दिया।
जो नाग था वह यहां की धरती में समा गया। साल में दो बार यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है। कई हजारों की तादात में मेले के दौरान श्रद्धालुओं की लाइनें लगी रहती है। बताया जा रहा है कि लोग अपनी गेहूं व मक्की की पहली फसल यहां पर मंदिर में चढ़ाते हैं।
मान्यता है कि लोग गेहूं की फसल का कुछ हिस्सा नाग देवता मंदिर में चढ़ाते हैं। ग्रामीणों की मानें तो यदि कोई सच्चे मन से कोई मन्नत मांगता है तो उसकी सभी मन्नत पूरी हो जाती है और अपनी मनोकामना एक बरगद के पेड़ मैं धागा बांधकर कर चले जाते हैं।
वहीं खुदाई के दौरान मंदिर में कई दर्जन प्राचीन मूर्तियां मिली। जिन्हें देखने के लिए उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। मंदिर में सभी लोगों को हर प्रकार की सुविधाएं मिलती है।