Edited By kirti, Updated: 28 Jul, 2019 05:04 PM
मंडी के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 हंसराज ने सुंदरनगर सर्किट के दौरान पत्नी की हत्या करने के मामले में पति को साक्ष्यों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है। जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि मामला में आरोपी बलदेव सिंह...
सुंदरनगर (नितेश सैनी) : मंडी के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 हंसराज ने सुंदरनगर सर्किट के दौरान पत्नी की हत्या करने के मामले में पति को साक्ष्यों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है। जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि मामला में आरोपी बलदेव सिंह निवासी गांव कंदार के खिलाफ सुंदरनगर पुलिस थाना में उसकी पत्नी की हत्या करने को लेकर वर्ष 2014 में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में मृतिका सुनीता देवी के पिता ( कश्मीर सिंह) ने अपने जंवाई बलदेव सिंह पर उसकी बेटी की गला दबाकर व मारपीट कर निर्मम हत्या करने को लेकर आरोप लगाए गए थे।
पिता का कहना है कि बेटी का विवाह 2006 में बलदेव सिंह से हुआ था। शादी से पहले सुनीता को दिल की बिमारी थी और इसका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में करवाया गया था। उनका कहना है कि ऑप्रेशन के बाद उनकी बेटी ठीक रहती थी और इस बारे में रिश्ते के समय उसके दमाद को बता दिया गया था। पिता का यह भी कहना है कि सुनीता ज्यादा काम करने में असमर्थ थी। जिस कारण उसका पती मारपीट करता था। उन्होंने बताया कि 9 सिंतबर 2014 को उसकी बेटी ने फोन पर उन्हें बीमार व उसके हालात ठीक नहीं होने के बारे में बताया गया। वहीं 10 सिंतबर 2014 को सुनीता के बीमार होने की खबर को लेकर बलदेव सिंह द्वारा भी कश्मीर सिंह को बताया गया। जिसके बाद सुनीता के पिता व अन्य रिश्तेदार सुबह अपनी बेटी के ससुराल जड़ोल पहुंच गए। लेकिन वहां पर उन्होंने अपनी बेटी का शव कमरे के फर्श पर देख हैरान हो गए।
पिता के मुताबिक सुनीता के शव पर ताजा चोट के निशान से खून बह रहा था। इस पर घटना की प्रथम सूचना पुलिस पोस्ट सलापड़ को दी गई, जिस पर सुंदरनगर पुलिस टीम ने एएसआई रामलाल के नेतृत्व में जड़ोल में आकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने पिता के बयान पर बलदेव सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया गया था। एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आरोपी के खिलाफ केस सिद्ध करने के लिए 18 गवाह पेश किए गए। एडवोकेट हर्ष राणा ने कहा कि दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपी बलदेव सिंह को सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी करने का फैंसला सुनाया है।