Edited By kirti, Updated: 25 Nov, 2019 04:18 PM
नगर निगम धर्मशाला का दोहरा सफाई टेंडर'' प्रस्ताव तक ही सिमट कर रह गया है। आलम यह है कि सात माह पहले नगर निगम की आमसभा की बैठक में बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया था कि शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए सफाई के साथ-साथ डोर-टू-डोर कूड़ा इकट्ठा करने के लिए...
धर्मशाला(निप्पी): नगर निगम धर्मशाला का दोहरा सफाई टेंडर' प्रस्ताव तक ही सिमट कर रह गया है। आलम यह है कि सात माह पहले नगर निगम की आमसभा की बैठक में बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया था कि शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए सफाई के साथ-साथ डोर-टू-डोर कूड़ा इकट्ठा करने के लिए दो तरह के टेंडर किए जाएं। लेकिन हैरत ये है कि सात माह बीतने के बाद भी यह प्रस्ताव कागजों से बाहर नहीं निकला है। अब इसके पीछे वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन इस दिशा में कोई कदम न उठ पाना अपने आपमें नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
बीते कुछ अरसे से जहां धर्मशाला का कुनबा बढ़ा है, वहीं स्मार्ट सिटी का भी टैग लगा है, बावजूद इसके सुविधाएं अब भी धरातल से कोसों दूर हैं। इस संबंध में सवाल कई बार स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी उठा चुके हैं। हालांकि पहले लोकसभा चुनाव और उसके बाद धर्मशाला उपचुनाव के कारण आचार संहिता लगने से काफी समय निकल गया लेकिन इसके बीच में मिले समय को भी इस दिशा में प्रयोग नहीं किया जा सका है। हालांकि वर्तमान में भी डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र हो रहा है, लेकिन अब भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जो इस सुविधा से वंचित हैं, क्योंकि पुराने शहर में बेशक रोजाना सफाईकर्मी घरों में कूड़ा इकट्ठा करने के लिए दस्तक दे रहे हों, लेकिन मर्ज क्षेत्र में एक दिन छोड़कर ही कूड़ा इकट्ठा किया जाता है।
क्षेत्र में भूमिगत कूड़ेदान भी लगे हैं लेकिन कई ऐसे स्थान हैं जहां पर लोग इनको लेकर जागरूक नहीं हैं और इसी कारण इनका भी सदुपयोग नहीं हो पा रहा। वहीं निगम के मेयर देवेंद्र जग्गी की माने तो दोहरे सफाई टेंडर के संबंध में कागजी कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है और जल्द ही सफाई टेंडर की शेष प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाएगा, ताकि शहर को साफ व सुंदर बनाने की दिशा में तुरंत कदम उठाए जा सके।