Edited By Vijay, Updated: 23 Apr, 2020 09:34 PM
यह मौका राजधर्म निभाने का है। मुख्यमंत्री आज निभाएं या कल, उन्हें निभाना ही होगा। इस समय राज्य के जो लोग प्रदेश के बाहर या भीतर विभिन्न जिलों में फंसे हैं, उनको सुरक्षित घर लाने और पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है। यह बात नेता प्रतिपक्ष मुकेश...
शिमला (ब्यूरो): यह मौका राजधर्म निभाने का है। मुख्यमंत्री आज निभाएं या कल, उन्हें निभाना ही होगा। इस समय राज्य के जो लोग प्रदेश के बाहर या भीतर विभिन्न जिलों में फंसे हैं, उनको सुरक्षित घर लाने और पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है। यह बात नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अफसरशाही के चक्रव्यूह में फंस कर रह गए हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के साथ चल रही जंग को लेकर विपक्ष का स्टैंड पहले दिन से ही स्पष्ट है। उन्होंने ने कहा कि जिम्मेदार विपक्ष के नाते सरकार को हर सहयोग दिया जा रहा है।
बाहर फंसे लोगों के लिए सरकार ने खिड़की व दरवाजे किए बंद
मुख्यमंत्री द्वारा बीते दिन की गई टिप्पणी कि हिमाचल को राजस्थान और पंजाब नहीं बनने देंगे, पर अग्निहोत्री ने कहा कि ये दोनों कांग्रेस शासित राज्य हैं और मुख्यमंत्री को किसी भी राज्य का नाम लेकर इंगित नहीं करना चाहिए। अन्य राज्यों की सरकारें अपने लोगों को लाने में लगी हुई हैं जबकि प्रदेश में सरकार ने खिड़की व दरवाजे बंद कर दिए हैं। बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को सैट प्रोटोकॉल में लाएं और क्वारंटाइन करें।
नेताओं और अफसरों के लिए नियम अलग-अलग नहीं
उन्होंने कहा कि कफ्र्यू और लॉकडाऊन नियमों को लेकर लोगों में कई तरह की धारणाएं बनने लगी हैं। नेताओं और अफसरों के लिए नियम अलग-अलग नहीं हो सकते। सीएम कहते हैं कि कोई न बाहर से आएगा लेकिन रात को धर्मशाला से 82 छात्रों को ले जाया जाता है। एक तरफ दिन के उजाले में किसी को चलने नहीं दिया जाता और शाम को 82 छात्रों की मूवमैंट करवाई जाती है, ऐसे में 2 तरह के नियम नहीं हो सकते।
गेहूं कटाई का कार्य मनरेगा में लाया जाए
मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में गेहूं और जौ की फसल काटने को मजदूर न मिलने पर सरकार से गेहूं कटाई को मनरेगा के तहत लाने की मांग की है।