Edited By Vijay, Updated: 19 May, 2020 04:55 PM
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जारी किए गए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज को केवल आंकड़ों का खेल करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे किसी को कोई लाभ नहीं हुआ है। जिस प्रकार केंद्र को राहतें देकर सीधे तौर...
ऊना (सुरेन्द्र): नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जारी किए गए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज को केवल आंकड़ों का खेल करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे किसी को कोई लाभ नहीं हुआ है। जिस प्रकार केंद्र को राहतें देकर सीधे तौर पर लोगों को लाभान्वित करना चाहिए था वह नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सारा ही कर्जे का पैकेज है। किसी का ब्याज माफ नहीं किया व सीधा किसी के खाते में पैसा नहीं डाला। होटल व इंडस्ट्री बंद हैं। उनमें काम करने वालों को कुछ नहीं दिया गया। किसी टैक्सी वाले को कोई मदद नहीं दी गई।
प्रदेश पर 55 हजार करोड़ का पहले ही कर्ज है और कितनी बार कर्ज लेंगे
उन्होंने कहा कि इसे जीडीपी का 10 प्रतिशत पैकेज होने का ऐलान किया जा रहा है लेकिन यह तो एक प्रतिशत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से हिमाचल को क्या लाभ हुआ। मुख्यमंत्री इसका स्वागत कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कर्ज लेने की सीमा 3 से 5 प्रतिशत हो गई जबकि 55 हजार करोड़ का पहले ही कर्ज है और कितनी बार कर्ज लेंगे। हिमाचल प्रदेश के किसी खाते में इस पैकेज का लाभ आया हो तो भाजपा ही बताए।
हिमाचल में तो केवल राष्ट्र के नाम संदेश
उद्योगपतियों का कहना है कि वे तो पहले ही नैगोशिएशन के आधार पर कर्ज लेते हैं। इसमें केंद्र सरकार के पैकेज का क्या अर्थ है। सैलून बंद हैं, मंदिरों के पुजारी और उनके आसपास काम करने वाले लोग बेरोजगार हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह समय था कि सीधे लोगों के खाते में पैसा जाता और इसका लाभ उन्हें दिया जाता। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार भी असफल हुई है और प्रदेश की सरकार तो पहले ही असफल है। हिमाचल में तो केवल राष्ट्र के नाम संदेश है। यहां तक कि आपदा काल में भी एपीएल और दूसरे लोगों के अनाज में कटौती कर दी गई है।
सरकार ने आपदा काल में प्रबंधन सही ढंग से नहीं किया
मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार पर आपदा काल में प्रबंधन सही ढंग से न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अफसरशाही मनमाने फैसले ले रही है। बाहर से आए लोगों पर मुसीबत के समय में केस दर्ज किए जा रहे हैं। उन्हें परेशान किया जा रहा है। 2000 एफआईआर दर्ज की गई हैं। बेहतर होता यदि बाहर से आए लोगों का प्रबंधन सही ढंग से किया जाता। हालांकि बाहर से हिमाचल में लोगों को लाने का फैसला भी सरकार ने विपक्ष के दबाव के बाद ही लिया। प्रदेश में उद्योग बंद हैं। हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं। सरकार फाइलों में ही कदमताल कर रही है जबकि धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। कामगारों को अब वेतन के लाले पड़ गए हैं। सरकार ने इसमें कुछ भी नहीं किया है।
हरोली में बनाया आधारभूत ढांचा ही अब काम आया
नेता विपक्ष ने कहा कि उनके हरोली में बनाया गया आधारभूत ढांचा ही अब सरकार के काम आया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री भी कई टिप्पणियां कर चुके हैं लेकिन जब आपदा आई तो हरोली के भवन ही कारगर साबित हुए हैं। प्रधानमंत्री खुद इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की बात कर चुके हैं क्योंकि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी कमी है। उनके कार्यकाल में हरोली में इस पर काम हुआ और यह कारगर साबित हुआ है।
क्वारंटाइन सैंटरों में व्यवस्थाएं सही नहीं
उन्होंने क्वारंटाइन सैंटरों में मौतों के मामले पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की विफलता है। क्वारंटाइन सैंटरों में सही ढंग से व्यवस्थाएं नहीं हैं।