Edited By Vijay, Updated: 11 Jul, 2019 08:23 PM
जिला ऊना में खनन को लेकर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जिला में बढ़ रहे खनन माफिया को सरकार और प्रशासन का सरंक्षण होने का आरोप जड़ा है। नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार माफिया को खत्म करने के ऐलान के...
ऊना (अमित): जिला ऊना में खनन को लेकर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जिला में बढ़ रहे खनन माफिया को सरकार और प्रशासन का सरंक्षण होने का आरोप जड़ा है। नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार माफिया को खत्म करने के ऐलान के साथ आई थी लेकिन सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा अवैध खनन कारोबार हो रहा है। उन्होंने कहा कि खासकर पुलिस को खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई न करने के निर्देश हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहला पुलिस प्रशासन देखा है, जिसने ठान लिया है कि खनन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
922 करोड़ की योजना पर मंडराने लगा खतरा
उन्होंने कहा कि घरों और विकास कार्यों के निर्माण के लिए खनन जरूरी है लेकिन प्रशासन और सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्यावरण का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि ऊना जिला में लोगों की भूमि को बचाने के लिए स्वां नदी तटीकरण पर 922 करोड़ रुपए खर्चे किए जा रहे हैं लेकिन खनन के कारण इस योजना पर भी खतरा मंडराने लगा है बावजूद इसके ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा कि विभाग ने इसे लेकर कोई नोटिस जारी किया हो। उन्होंने कहा कि खनन के कारण ही ऊना हिन्दोस्तान के उन जिलों में शुमार हो रहा है जहां भू जल स्तर बहुत कम हो रहा है बावजूद इसके भी खननकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
नौकरी के बदले खनन करने की दलील दे रहे बीजेपी के लोग
उन्होंने कहा कि सरकार खनन से 300 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा करना चाहती है और सरकार इसे चलाए लेकिन खनन के नियमों को भी देखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में 150 से अधिक अवैध तौर पर रेत के बड़े-बड़े डंप लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग लोगों को नौकरी मांगने की बजाय स्वां नदी में खनन करने की दलील दे रहे हैं।