Edited By Vijay, Updated: 16 Jun, 2019 10:53 PM
सरकारी कार्यालयों के कार्यों को रोककर जनमंच में करने का प्रपंच रचकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। प्रमाण पत्रों को कार्यालयों में न बनाकर जनमंच कार्यक्रमों में बनाने का काम किया जा रहा है लेकिन यह काम कार्यालयों में आसानी से हो सकता है। यह बात यहां...
ऊना (सुरेन्द्र): सरकारी कार्यालयों के कार्यों को रोककर जनमंच में करने का प्रपंच रचकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। प्रमाण पत्रों को कार्यालयों में न बनाकर जनमंच कार्यक्रमों में बनाने का काम किया जा रहा है लेकिन यह काम कार्यालयों में आसानी से हो सकता है। यह बात यहां जारी बयान में नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनमंच पर लगे झंड मंच के दाग को धो नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा यह मुद्दा उठाने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने मंत्रियों की झाड़-झपट व क्लास लगानी पड़ी है बावजूद इसके अभी भी अनेक मामले इस प्रकार के सामने आ रहे हैं।
15 दिन पहले खाली हो जाते हैं सरकारी कार्यालय
उन्होंने कहा कि प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम को शांता कुमार, वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल की सरकारें चलाती रही हैं उसी का यह एक क्रम है। अब जयराम सरकार ने इतना प्रबंध इस कार्यक्रम के माध्यम से किया है कि उनके मंत्रियों का रैड कारपेट से स्वागत किया जा रहा है, लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में जनमंच का कार्यक्रम किया जाता है वहां 15 दिन पहले विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को लगा दिया जाता है और सरकारी कार्यालय खाली हो जाते हैं जिससे लोगों को दिक्कत होती है।
सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं, जनमंच के लिए मैडीकल कैंप
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुविधा ठीक नहीं होती और जनमंच के लिए मैडीकल कैंप लगाए जाते हैं। तहसील में लोगों को प्रमाण पत्र समय पर मिलते नहीं हैं और जनमंच में प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं और इंतकाल भी ऐसे ही हो रहे। उन्होंने कहा कि पंचायतों में उन दिनों समय पर राशन कार्ड नहीं जारी किए जाते और जनमंच में लोगों को सिखा कर भेजा जाता है फिर कार्ड बना दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जनता के काम समय पर होने चाहिए, जन समस्याओं का हल होना चाहिए, कांग्रेस इसके पक्ष में है पर सरकारी कार्यालयों में काम न होना चिंता की बात है।