सरकार के पास सराज के लिए पैसा है तो इलाज के लिए क्यों नहीं : मुकेश अग्निहोत्री

Edited By Vijay, Updated: 06 May, 2021 10:11 PM

mukesh agnihotri target on jairam government

नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। ऊना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि यही कारण है कि सरकार में इतना भी साहस नहीं है कि वह लॉकडाऊन को लॉकडाऊन कह सके। हालांकि नोटिफिकेशन के...

ऊना (सुरेन्द्र): नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। ऊना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि यही कारण है कि सरकार में इतना भी साहस नहीं है कि वह लॉकडाऊन को लॉकडाऊन कह सके। हालांकि नोटिफिकेशन के आखिरी पैरे में साफ लिखा गया है कि उल्लंघना पर लॉकडाऊन नियमों के तहत कार्रवाई होगी। अब जनता को गुमराह किया जा रहा है कि लॉकडाऊन नहीं कर्फ्यू लगाया गया है। प्रधानमंत्री ने कह दिया कि लॉकडाऊन नहीं लगाना तो सरकार लकीर की फकीर बनी हुई है। इसी कारण इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। पूरे प्रदेश को सही सूचना मिलनी चाहिए। हर कोई पूछ रहा है कि हुआ क्या है। धारा-144 के तहत कर्फ्यू लगा दिया। इंटर स्टेट बसें चलेंगी तो आखिर बसें कैसे चलेंगी। जब धारा-144 में 5 लोग इकट्ठे नहीं हो सकते तो बस में 30 से 35 लोग कैसे बैठ पाएंगे। कोरोना के चलते सवा साल हो चुका है लेकिन इसके बावजूद एसओपी को अभी तक तय नहीं कर पाए हैं। अब तक तो एसओपी वैसे ही याद हो जानी चाहिए थी।

नेता विपक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में एसओपी को लेकर बातचीत नहीं हुई है। भाजपा और सीएम इस मामले पर गुमराह न करें। एसओपी की मंत्रणा केवल मंत्रिमंडल में हुई है। उसी में लॉकडाऊन और कर्फ्यू पर निर्णय हुआ है। यह सरकार का फैसला है। सर्वदलीय बैठक में स्वास्थ्य मामलों पर चर्चा हुई है। पिछले कल तक 1,760 जानें जा चुकी थीं। 25,500 एक्टिव केस थे। 12 हजार लोग रिपोर्ट के इंतजार में हैं। प्रदेश के लोग बेबस हैं। विपक्ष के नाते हमारा अधिकार है कि व्यवस्थाओं पर सवाल करें। वैक्सीन के लिए मास्टर प्लान बनाया जाए। सरकार बताए कि पूरे प्रदेश में कितने लोगों की वैक्सीनेशन की जाएगी। प्रदेश में वैक्सीन ही नहीं है तो मास्टर प्लान क्या बनेगा। रूट मैप क्या बनेगा?

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 45 वर्ष से नीचे के कई शिक्षक ड्यूटी पर लगा दिए गए। उन्हें वैक्सीन ही नहीं लगाई गई। प्राथमिकता के तौर पर उन्हें वैक्सीन चाहिए थी। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा चुकी हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज भर चुका है। पीजीआई की क्षमता फुल हो चुकी है। हरोली में 3 लोगों की इसलिए मौत हो गई क्योंकि उन्हें रैफर कहां किया जाए, यही दिक्कत थी। नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सराज के लिए 60 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे। सराज के लिए पैसा है लेकिन इलाज के लिए पैसा नहीं है। कर्मचारी अपनी तनख्वाह कटवा रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पैंशनर्ज भी पैसा कटवा रहे हैं। सीएम कह रहे हैं कि विकास के लिए धन की कमी नहीं है लेकिन क्या इलाज के लिए पैसे की कमी है। यदि पैसा है तो फिर कर्मचारियों का पैसा क्यों काटा जा रहा है। प्रदेश में हाहाकार मचा है लेकिन सरकार सही ढंग से प्रबंधन नहीं कर रही है।

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