Edited By Vijay, Updated: 16 May, 2021 10:12 PM
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। रविवार को जारी बयान में मुकेश ने कहा कि कोरोना संकट के ऐसे समय में जब विपक्ष व प्रदेश की जनता सरकार का हर बेहतर कार्य के लिए समर्थन कर रहे हैं, ऐसे में...
ऊना (सुरेन्द्र): नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। रविवार को जारी बयान में मुकेश ने कहा कि कोरोना संकट के ऐसे समय में जब विपक्ष व प्रदेश की जनता सरकार का हर बेहतर कार्य के लिए समर्थन कर रहे हैं, ऐसे में प्रदेश में दम तोड़ रहीं स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री पर सवाल खड़े कर रही हैं। सरकार को बिना देरी टांडा मेडिकल कॉलेज सहित अन्य उच्च संस्थानों में गंभीर रोगियों के लिए वैंटीलेटर व आईसीयू वार्डों की संख्या को बढ़ाना चाहिए। हालत यह है कि जिन रोगियों को गंभीर स्थिति में रैफर किया जा रहा है, उन्हें बैड नसीब नहीं हो रहा है, जिसके चलते मृत्यु दर में इजाफा हो रहा है और जनता का विश्वास स्वास्थ्य व्यवस्था से उठने लगा है, जो कि सरकार के लिए शर्म की बात है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सभी कार्यों को पीछे छोड़कर सबसे पहले हर स्थान पर स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि प्रदेश की जनता स्वास्थ्य मंत्री के गायब होने पर ढूंढने वाले को ईनाम ही दे दे। यह समय संकट का है और यह समय जनता को बचाने का भी है। ऐसे में किसी भी लापरवाही को सहन नहीं किया जा सकता। जिला ऊना में भी कोविड अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए और पंडोगा व बाथू में ऑक्सीजन की व्यवस्था कर कोविड केयर सैंटर जल्द तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2,200 के करीब लोगों की मृत्यु कोरोना संक्रमण के चलते हो गई है और ऐसे अनेक परिवार हैं, जिसकी रोजी-रोटी भी चलाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों पर कुछ राहत राशि आपदा प्रबंधन के तहत इन परिवारों को दी जानी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार अटपटे निर्णय लेकर खुद की फजीहत करवा रही है। सब वर्ग जब सहयोग कर रहे हैं तो सरकार को सहयोग लेने की नीति पर ही चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुकानें खोलने या बंद करने के मसले पर सरकार को प्रदेशभर के व्यापार संगठनों से बात करनी चाहिए, ताकि किसी प्रकार की निराशा न हो।