Edited By Vijay, Updated: 21 Sep, 2018 02:48 PM
हजरत मोहम्मद के नाते ईमाम हसन और ईमाम हुसैन को जब कर्बला में आज से 1400 वर्ष पूर्व शहादत मिली थी उसके बाद से हर साल उनकी याद में मुहर्रम मनाया जाता है।
चम्बा: हजरत मोहम्मद के नाते ईमाम हसन और ईमाम हुसैन को जब कर्बला में आज से 1400 वर्ष पूर्व शहादत मिली थी उसके बाद से हर साल उनकी याद में मुहर्रम मनाया जाता है। आपको बताते चलें कि कर्बला की जंग विशेष तौर से सामाजिक बुराइयों को खत्म करने और अच्छाइयों को समाज में लाने के लिए हुई थी, जिसके बाद से ईमाम हसन और ईमाम हुसैन ने बुराई पर अच्छाई की जीत पाई थी लेकिन लड़ते-लड़ते अंत में दोनों भाई शहीद हो गए, जिनकी याद में मुहर्रम हार साल मनाया जाता है।
चम्बा जिला के तीसा, सलूणी, भरमौर व डल्हौजी के मुस्लिम समुदायों के लोगों ने 10वीं मुहर्रम के इस मौके पर शिरकत की, साथ ही ईमाम हसन और ईमाम हुसैन को याद किया गया। इस मौके पर कई उलेमाओं ने भाग लेते हुए मुल्क में अमन और चैन की भी दुआ मांगी।
वहीं दूसरी और जामिया जामलिया इस्लाइमिया मदरसा राजपुरा के इमाम नुरुल हक का कहना है कि आज 10वीं मुहर्रम है और ईमाम हसन और ईमाम हुसैन की याद में आज मुहर्रम मनाया जा रहा है। उन्होंने कैसे कर्बला में शहादत प्राप्त की उसके बारे में लोगों को बताया गया, साथ ही कैसे बुराई पर अच्छाई की जीत होती है, उसके बारे में भी बताया।