Edited By Vijay, Updated: 24 Oct, 2018 11:08 PM
पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार के दबाव में किस प्रकार स्वायत्त संस्थाएं भी बदनाम हो रही हैं। इसका इन दिनों सी.बी.आई. से बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है।
अम्ब: पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार के दबाव में किस प्रकार स्वायत्त संस्थाएं भी बदनाम हो रही हैं। इसका इन दिनों सी.बी.आई. से बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है। जिस निष्पक्ष जांच एजैंसी पर देश की जनता को भरोसा था अगर उसके सर्वोच्च अधिकारियों पर भी रिश्वतखोरी जैसे गंभीर आरोप लगें तो प्रधानमंत्री को स्वयं आगे आकर इसका जवाब देना चाहिए कि उनकी नाक तले यह भ्रष्टाचार कैसे फलफूल रहा है।
क्या सरकार व रुपए में गिरने की लगी होड़?
उन्होंने कहा कि खुद को चौकीदार कहने वाले न तो देश को चला पा रहे हैं और न ही ठीक से चौकीदारी कर पा रहे हैं। रुपया डॉलर के मुकाबले निरंतर गिर रहा है और प्रधान सेवक को जनता को अब बताना चाहिए कि क्या सरकार व रुपए में गिरने की होड़ लगी है कि कौन ज्यादा गिरता है। कच्चे तेल की कीमतों पर पूर्व यू.पी.ए. सरकार को कोसने वाले अब यह बताएं कि कच्चे तेल की कीमतों पर केंद्र सरकार क्यों लगाम नहीं लगा पाई।