Edited By Ekta, Updated: 11 Dec, 2018 12:17 PM
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेने पहुंचे पक्ष और विपक्ष के विधायकों का मोह वी.आई.पी. कल्चर से नहीं छूट रहा है। इस बार भी शीतकालीन सत्र में पहुंचे अधिकांश विधायकों ने अपने वाहनों की विंडशीट पर एम.एल.ए. के स्टीकर चस्पां किए हुए थे। काबिलेगौर है...
धर्मशाला (सौरभ सूद): विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेने पहुंचे पक्ष और विपक्ष के विधायकों का मोह वी.आई.पी. कल्चर से नहीं छूट रहा है। इस बार भी शीतकालीन सत्र में पहुंचे अधिकांश विधायकों ने अपने वाहनों की विंडशीट पर एम.एल.ए. के स्टीकर चस्पां किए हुए थे। काबिलेगौर है कि कुछ अरसा पहले विधायकों ने अपने वाहनों पर लालबत्ती लगाने की फरियाद सरकार से की थी। विधायकों ने यह तर्क दिया था कि वाहनों पर लालबत्ती के अभाव में कई बार उन्हें सड़क पर जाम में फंसना पड़ता है तो कई बार उनसे दुर्व्यवहार की घटनाएं भी होती हैं लेकिन इन तर्कों के आधार पर सरकार ने उनकी यह मांग नहीं मानी थी। ऐसे में विधायक खुद को आम जनता की नजर में वी.आई.पी. साबित करने के लिए अपने वाहनों पर एम.एल.ए. के स्टीकर लगाना नहीं भूलते।
मोदी सरकार ने वी.आई.पी. कल्चर को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कुछ संवैधानिक पदों को छोड़कर अन्य जनप्रतिनिधियों के वाहनों पर लालबत्ती और हूटर लगाने की परंपरा बंद कर दी थी लेकिन विधायक बने जनप्रतिनिधियों की सोच इससे अलग है और वे अपने पद का रौब किसी भी हाल में छोड़ना नहीं चाहते। मंत्रियों के द्वार नमस्कार शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में स्थित सरकार के मंत्रियों के कमरों में पूरा दिन गहमागहमी रही। अपने काम करवाने पहुंचे लोग घंटों मंत्रियों के कमरों के बाहर डेरा जमाए रहे। जब भी मंत्री अपने कमरों में पहुंचते तो बाहर खड़े लोग नमस्कार और पांव तक छूने को आतुर दिखे। सत्र के पहले दिन मंत्रियों ने भी फरियादियों को निराश नहीं किया और लोगों के मांग पत्र लेते रहे।