Edited By Vijay, Updated: 30 Aug, 2019 09:53 PM
सुंदरनगर बीएसएल प्रोजैक्ट से निकलने वाली सिल्ट से होने वाले नुक्सान और इससे क्षेत्र की काफी तादाद में किसानों की हजारों बीघा भूमि सीधे तौर पर बंजर होने को लेकर सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने विधानसभा सत्र में जनहित में यह सवाल उठाया।
सुंदरनगर (नितेश सैनी): सुंदरनगर बीएसएल प्रोजैक्ट से निकलने वाली सिल्ट से होने वाले नुक्सान और इससे क्षेत्र की काफी तादाद में किसानों की हजारों बीघा भूमि सीधे तौर पर बंजर होने को लेकर सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने विधानसभा सत्र में जनहित में यह सवाल उठाया। विधायक ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ध्यान किसानों और बागवानों को पिछले तकरीबन कई दशकों से पेश आ रही सिल्ट की समस्या से निजात दिलाने पर आकर्षित किया है। विधायक ने सदन में कहा कि इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा लेखा समिति के दौरे के दौरान भी जोरशोर से उठाया था और बीबीएमबी के अधिकारियों को इस मसले को लेकर आधुनिक तकनीक से सिल्ट का समाधान निकालने के निर्देश भी दिए थे।
स्पैशल कमेटी गठित कर जल्द तैयार होगी रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अवश्य ही इस दिशा में किसानों और बागवानों के हित में कोई न कोई कारगर कदम अवश्य उठाएगी, जिससे विभिन्न विधानसभाओं के हजारों की तादाद में लोगों को राहत मिलेगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़े आदेश देते हुए स्पैशल कमेटी गठित कर जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इसके उपरांत मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बीबीएमबी ने 7 दशक पहले स्थापित की थी बीएसएल परियोजना
बता दें कि भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने 7 दशक पूर्व सुंदरनगर में बीएसएल परियोजना की स्थापना की थी। सुंंदरनगर में बने जलाशय से सिल्ट हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशानुसार 12 महीने में 3 मर्तबा ही जुलाई, अगस्त व सितम्बर के महीने में निकाली जाती है लेकिन जलाशय से निकलने वाली सिल्ट से हर कोई परेशान है। बहरहाल सुंदरनगर के विधायक द्वारा इस मसले को विधानसभा में उठाने से लंबे समय से चली आ रही लोगों की मांग पूर्ण होगी और इस समस्या से भी निजात मिलने की संभावना है।