Edited By Vijay, Updated: 06 Jan, 2021 05:22 PM
3 साल की नाकामी और कुप्रबंधन के बाद अब सरकार प्रशासनिक अमले को अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए तबादलों का खौफ दिखाने लगी है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से मिली अधिकारियों व...
हमीरपुर (ब्यूरो): 3 साल की नाकामी और कुप्रबंधन के बाद अब सरकार प्रशासनिक अमले को अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए तबादलों का खौफ दिखाने लगी है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से मिली अधिकारियों व कर्मचारियों की हजारों शिकायतों से यह खुलासा हुआ है कि सत्ता से जुड़े लोग पंचायती राज चुनावों में बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को वोट करवाने का भारी दबाव बनाने लगे हैं, ऐसे में निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने प्रदेश के तमाम चुनाव करवा रहे अधिकारियों व कर्मचारियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा है कि अधिकारी व कर्मचारी किसी भी दबाव में न आएं क्योंकि यह सरकार अब जाने वाली है और कांग्रेस सरकार आने वाली है।
जनता से की ये अपील
पंचायती चुनावों से पहले सरकार के जर्द चेहरे का दर्द बता रहा है कि अब यह सरकार टिकने वाली नहीं है। इस खौफ से सहमी सरकार अब सरकारी अमले पर दबाव बनाने लगी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार के कुशासन और कुप्रबंधन ने जनता को बड़े आर्थिक संकट में धकेला है, जिसका करारा जवाब देने का समय अब आया है। उन्होंने कहा कि लोग न सरकार के दबाव में आएं न डरें बल्कि निष्पक्ष वोट का प्रयोग करके निकम्मे लोगों को सत्ता से बाहर करने में अपना योगदान दें क्योंकि निष्पक्ष मत प्रदेश को फिर से विकास की मुख्य धारा में लाएगा।
जवानाें का सरहदों पर तो किसान सड़कों पर हाल-बेहाल
उन्होंने कहा कि आज सरहदों पर सेना नायक सरकार की जिद्द के कारण संकट में हैं क्योंकि वे सड़कों पर हाल-बेहाल हो रहे अपने किसान परिवारों की चिंता में गहरे तनाव में हैं। किसान सड़कों पर हाल-बेहाल हैं और जवान सरहदों पर परिवारों के लिए चिंतित होने के बावजूद अपनी शहादतें देने को मजबूर हैं लेकिन बेदर्द सरकार अपनी जिद्द पर रहती हुई देश को विचित्र संकट में धकेल रही है।
कार्पोरेटर के हितों के लिए सत्तासीन हुई है सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार की जिद्द से स्पष्ट हो गया है कि सरकार आम जनता की बजाय कार्पोरेटर के हितों के लिए सत्तासीन हुई है। राणा ने कहा कि बेशक हिमाचल में बड़े किसान नहीं हैं लेकिन सरकार की नीति और नीयत को देखते हुए यह स्पष्ट है कि अब किसानों के बाद प्रदेश के बागवानों पर सरकार की हठधर्मिता के कारण संकट आने वाला है। इन सब संकटों से बचने का एक ही मूलमंत्र है कि तानाशाहों की सरकार को मत से मात देकर बाहर का रास्ता दिखाएं।