विधानसभा : हिमाचल के लिए बजट लाॅन्ग टर्म में डिजास्टर : आशा कुमारी

Edited By Vijay, Updated: 09 Mar, 2021 10:12 PM

mla asha kumari in assembly

हिमाचल विधानसभा में बजट पर जारी चर्चा में भाग लेते हुए विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बजट को हिमाचल के लिए लाॅन्ग टर्म में डिजास्टर बताया। इसके साथ ही जल जीवन मिशन के तहत टैंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और घोटाले के आरोप...

शिमला (राक्टा): हिमाचल विधानसभा में बजट पर जारी चर्चा में भाग लेते हुए विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बजट को हिमाचल के लिए लाॅन्ग टर्म में डिजास्टर बताया। इसके साथ ही जल जीवन मिशन के तहत टैंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और घोटाले के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि टैंडर को ब्रेकअप कर किसी विशेष को लाभ देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि जल जीवन मिशन में कुल टैंडर में से 47.30 फीसदी टैंडर जल शक्ति मंत्री व मुख्यमंत्री के हलकों में लगाए गए। विधायक प्राथमिकता योजना में 677 में से 466 योजनाओं की डीपीआर नहीं बनी है। उन्होंने कहा कि बजट में 1061 करोड़ रुपए की मामूली बढ़ौतरी की गई है। महंगाई को देखते हुए यह बहुत ही कम बढ़ौतरी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार चली है, यह सरकार सत्ता से जाते वक्त 85 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में राज्य को ले जाएगी। उन्होंने कहा कि जीडीपी गिर रही है और देश के साथ-साथ हिमाचल में यह माइनस में है। यही नहीं, प्रति व्यक्ति आय भी कम हुई है।

बजट में आम लोगों को राहत देने के लिए कदम नहीं उठाए

उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री यह आश्वासन देंगे कि पूरे साल में कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि कहीं सरकार बजट पास होने के बाद पिछले दरवाजे से कोई कर तो नहीं लगाएगी। उन्होंने कहा कि बजट में आम लोगों को राहत देने के लिए कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार बजट पास होने से पहले डीजल और पैट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को कम करने को प्रस्ताव लाए। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा के नेता थोड़ी सी महंगाई पर सड़कों पर उतर जाते थे और आज कह रहे हैं कि पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतें बाजार के अधीन हैं। उन्होंने बनिखेत में पुराने स्टेडियम के रखरखाव की मांग की वहीं डल्हौजी में भी स्टेडियम बनाए जाने की बात कही। आशा कुमारी ने कहा कि एफआरबीएम एक्ट के टारगेट को सरकार पूरा नहीं कर पा रही है, जो अगले साल भी नहीं होगा। महंगाई से राहत देने के लिए सरकार को पैट्रो पदार्थों पर वैट कम करना चाहिए।

गरीब की कोई जाति नहीं होती, संशोधन की मांग

आशा कुमारी ने कहा कि बजट में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पैंशन की आयु सीमा को 65 किया गया है, बेहतर होता यदि पुरुषों को भी इसमें शामिल किया जाता। शगुन योजना में हर वर्ग की गरीब कन्या को लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब की कोई जाति नहीं होती है लेकिन सरकार ने बेटियों को भी जाति में बांट दिया। उन्होंने सरकार से बजट पास होने से पहले इसमें संशोधन करने की मांग की।

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